उत्तर प्रदेश के आगरा में पारस अस्पताल में भरती 22 लोगों की मौत हो गयी थी. इस पूरे मामले में हुई जांच रिपोर्ट में 22 लोगों की मौत के आंकड़े को भी नकार दिया गया है साथ ही ऑक्सीजन की कमी से किसी के मौत की भी बात सामने नहीं आयी है. वायरल वीडियो में यह दावा किया गया था कि यह मौत ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुई है अब इस पूरे मामले में जांच रिपोर्ट सामने आयी है.
इस रिपोर्ट में वीडियो में किये गये दावे को नकार दिया गया है. बताया गया है कि 22 मरीजों की मौत ऑक्सीजन की कमी की वजह से नहीं हुई है. इस पूरे मामले को लेकर चर्चा तेज तब हुई जब 6 मिनट का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें हॉस्पिटल संचालक डॉ अरिंजय जैन यह कहते सुनायी दिये कि मॉक ड्रिल कर ली गयी और 22 मरीज छंट गये.
Also Read: Ram Mandir Controversy : क्या फिर कोर्ट जायेगा राम मंदिर का मुद्दा ?
अब जांच रिपोर्ट में नया तथ्य सामने आया है इसमें कहा गया है कि जब अस्पताल के संचालक ने 22 मरीज छंट गये कहा तो इसका यह मतलब नहीं था कि उनकी मौत हो गयी. इसका गलत अर्थ निकाला गया है. इस पूरे मामले की की मजिस्ट्रेट जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट सामने आयी है जिसमें इसे गलत बताया गया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि पारस अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से किसी की भी मौत नहीं हुई. अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी नहीं थी. वह किसी भी कीमत पर लोगों को ऑक्सीजन की कमी नहीं होने देंगे ऐसा वीडियो में उन्होंने खुद दावा किया है. इस रिपोर्ट में 16 मरीजों की मौत का जिक्र किया गया है उनकी पूरी सूची भी दी गयी है इनमें से 14 मरीजों की हालत गंभीर थी और 8 मरीज वेंटीलेटर में थे.
अस्पताल में भले ही 16 मौत हुई हो लेकिन रिपोर्ट में यह बता दिया गया है कि ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं थी.वीडियो के सामने आने के बाद पारस हॉस्पिटल को सील कर दिया गया था साथ ही अस्पताल का लाइसेंस भी निलंबित हो चुका है और हॉस्पिटल के लाइसेंस के मामले की जांच स्वास्थ्य विभाग की कमेटी कर रही है. इस प्रकरण में पारस हॉस्पिटल को ऑक्सीजन की कमी का भ्रम फैलाने का दोषी पाया गया था
Also Read: जम्मू कश्मीर के अहम मुद्दों का हल निकालने के लिए 24 जून को सर्वदलीय बैठक करेंगे प्रधानमंत्री
इसी की वजह से उन पर केस भी दर्ज हुआ. इस मामले में अब पुलिस चार्जशीट दायर करेगी. दूसरी तरफ मजिस्ट्रेट जांच पूरी होने के बाद आयी रिपोर्ट में अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी को नकार दिया गया है साथ ही मौत का आंकड़ा भी कम है.