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Ghaziabad: उत्तर भारत का सबसे बड़ा यूनानी चिकित्सा संस्थान इसलिए है खास, मिलेंगी ये सुविधाएं…

राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान के बनने से गाजियाबाद, हापुड़, नोएडा, बुलंदशहर और मेरठ जैसे शहरों से मरीज यहां आकर अपना इलाज कराएंगे. गाजियाबाद वासियों के लिए भी आने वाले समय में यह बहुत ही महत्वपूर्ण अस्पताल साबित होगा.

Lucknow: गाजियाबाद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से रविवार को स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक नया राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान का तोहफा दिया गया है. इससे दिल्ली-एनसीआर के लोगों को आने वाले समय में स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई सुविधा मिलेगी. इस संस्थान में यूनानी पद्धति से मरीजों का इलाज किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन वर्चुअल रूप से किया.

दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश के जिन तीन संस्थानों का वर्चुअल उद्घाटन किया, उनमें गाजियाबाद का कमला नेहरू नगर स्थित राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान भी शामिल है. यह अस्पताल 381 करोड़ की लागत से बना है जो कि उत्तर भारत का सबसे बड़ा यूनानी अस्पताल है. इसमें 14 विशेषज्ञ चिकित्सक मरीजों का इलाज करेंगे.

इन जनपदों के लोगों को मिलेगा लाभ

राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान के बनने से गाजियाबाद, हापुड़, नोएडा, बुलंदशहर और मेरठ जैसे शहरों से मरीज यहां आकर अपना इलाज कराएंगे. गाजियाबाद वासियों के लिए भी आने वाले समय में यह बहुत ही महत्वपूर्ण अस्पताल साबित होगा. अस्पताल के पीछे डॉक्टर और कर्मचारियों का रेसिडेंस भी बनाया गया है. जहां एक और लगातार यूनानी पद्धति से इलाज धीरे-धीरे कम होता जा रहा है. वहीं दूसरी ओर गाजियाबाद में सबसे बड़े यूनानी अस्पताल के खुलने के बाद यूनानी पद्धति के इलाज की विधि में वृद्धि हो सकती है. इसके साथ ही कम खर्च में अच्छा और बेहतर इलाज मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है.

2019 में हुआ था शिलान्यास

एम्स की तर्ज पर गाजियाबाद में ये यूनानी हॉस्पिटल कमला नेहरूनगर में करीब 10 एकड़ जमीन पर बना है. वर्ष 2019 में इसका शिलान्यास हुआ था. यहां पर मरीजों के लिए 200 बेड की सुविधा है. तत्कालीन केंद्रीय आयुष राज्यमंत्री श्रीपद नाइक और केंद्रीय राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने इसका शिलान्यास किया था.

ये सुविधाएं हैं मौजूद

बच्चों और महिलाओं के लिए पीकू-नीकू वार्ड हैं. संस्थान में पांच ऑपरेशन थिएटर, मेटरनिटी विंग, एमआरआई, सीटी स्कैन, ब्लड बैंक, डिजिटल एक्सरे, पैथोलॉजी लैब, आईसीयू, एक्यूप्रेशर कक्ष, फिजियोथेरेपी कक्ष, पंचकर्म कक्ष, जिम्नेजियम, सीएसएसडी, कैंटीन, शैक्षणिक और प्रशासनिक ब्लॉक, ट्यूटोरियल रूम, सेमिनार हॉल, म्यूजियम, लाइब्रेरी, लैब, बहुउद्देश्यीय शोध विभाग, यूनानी फार्मेसी जैसी सुविधाएं हैं. इसके अलावा यहां मरीज स्टीम बाथ, हिप बाथ, सोना बाथ जैसी सुविधाएं ले सकेंगे.

अगले साल से यूनानी पढ़ाई होगी शुरू

संस्थान में अभी ओपीडी में मरीजों का इलाज होगा, वर्ष 2023 से यूनानी विधा की पढ़ाई शुरू हो जाएगी. इस संस्थान में 14 विभाग होंगे. यहां यूनानी पद्धति में परास्नातक और शोध की शिक्षा भी मिलेगी. इनमें औषधि विकास, गुणवत्ता नियंत्रण, सुरक्षा मूल्यांकन, यूनानी चिकित्सा और प्रथाओं के वैज्ञानिक सत्यापन पर ध्यान केंद्रित रहेगा.

ओपीडी में हजारों मरीजों का होगा इलाज

राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान बेंगलुरु और गाजियाबाद के निदेशक प्रो. अब्दुल वदूद ने बताया है कि इस समय प्रतिदिन 500 से 600 मरीजों का इलाज हो रहा है. ओपीडी में चार विशेषज्ञ डॉक्टर काम कर रहे हैं. उद्घाटन के बाद 10 चिकित्सा विशेषज्ञों की नियुक्ति हो जाएगी. इसके बाद ओपीडी में पांच से सात हजार मरीजों का इलाज शुरू होगा.

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विदेशी छात्र हासिल करेंगे शिक्षा

संस्थान में श्रीलंका, ईरान, बांग्लादेश, उजबेकिस्तान व अन्य देशों के छात्रों को भी शिक्षा प्रदान करने के साथ यूनानी पद्धति का प्रचार प्रसार करेगा. इसमें यूनानी दवाओं पर विभिन्न तरह के शोध किए जाएंगे. यहां यूनानी पद्धति में परास्नातक और पीएचडी की शिक्षा भी दिलाई जाएगी. परिसर में 425 कारों की पार्किंग की सुविधा भी है.

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