नयी दिल्ली : कांग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. साथ ही पार्टी के पूर्व अध्यक्ष की भी मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं. कांग्रेस में अंदुरुनी कलह और नेतृत्व संकट के बीच पार्टी के नये अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया शुरू होने की चर्चा के बीच पार्टी की छात्र इकाई की राष्ट्रीय प्रभारी व कांग्रेस की संयुक्त सचिव रुचि गुप्ता ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.
मालूम हो कि एक दिन पहले ही पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों ने 10 जनपथ पर पार्टी के नये अध्यक्ष को लेकर मंथन किया था. इसके बाद पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि कांग्रेस के इलेक्टोरल कॉलेज, ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी के सदस्य, कांग्रेस कार्यकर्ता और सदस्य चुनेंगे कि सबसे उपयुक्त कौन है. लेकिन, मेरे समेत 99.9 फीसदी लोग चाहते हैं कि राहुल गांधी को ही पार्टी का अध्यक्ष चुना जाये.
जानकारी के मुताबिक, नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) की प्रभारी रुचि गुप्ता ने शनिवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल राव को भेजा है. अपने इस्तीफे में उन्होंने कहा है कि संगठनात्मक बदलावों में देरी के लिए महासचिव जिम्मेदार हैं. इसलिए उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया है.
वहीं, रुचि गुप्ता ने ट्वीट कर कहा है कि ”मुझे यह घोषणा करते हुए खेद है कि मैंने इस्तीफा दे दिया है. मुझे यह अवसर देने के लिए मैं राहुल जी (कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष) और सोनिया जी (पार्टी अध्यक्ष) का आभारी हूं.” इससे पहले उन्होंने ‘द हिंदू’ में एक लेख भी लिखा है. इसमें उन्होंने लिखा है कि, ”कांग्रेस को पार्टी संगठन से जुड़े मुद्दों को सुलझाने, जमीनी स्तर से जुड़ने और “शीर्ष से लेकर निचले स्तर तक मजबूत नेतृत्व” स्थापित करने की जरूरत है.”
कांग्रेस छोड़नेवालों की फेहरिस्त दिन-प्रतिदिन लंबी होती जा रही है. मालूम हो कि साल 2020 में गुजरात कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित चावड़ा और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष परेश धनानी ने इस्तीफा दे दिया था. इसके अलावा आठ विधायकों प्रद्युमन सिंह जाडेजा, ब्रिजेश मिरजा, जीतू चौधरी, जेवी काकडिया, सोमाभाई पटेल, प्रवीण मारु, मंगल गामिल और अक्षय पटेल ने भी इस्तीफा इसी साल दिया है. उत्तर प्रदेश के पूर्व सांसद अनु टंडन भी कांग्रेस नेतृत्व से सहयोग नहीं मिलने का कारण बताते हुए इस्तीफा दे दिया था. वहीं, इससे पहले मध्य प्रदेश में 25 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था, जहां बाद में चुनाव भी कराया गया.