Varanasi Aarti: काशी विश्वनाथ की आरती में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या हुई दोगुनी, रच रहे इतिहास
श्री काशी विश्वनाथ धाम के विस्तारीकरण के बाद देवों के देव महादेव का आंगन दिव्य व भव्य होने के साथ सुविधायुक्त हुआ तो शिव भक्तों का रिकॉर्ड आवागमन होने लगा. भगवान विश्वनाथ के धाम में लोकार्पण के बाद बाबा की आरती में शामिल होने वालो की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है.
Varanasi News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट श्री काशी विश्वनाथ धाम को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपनी निगरानी व निर्देशन में मूर्तरूप दिया. जो नित्य नए कीर्तिमान बना रहा है. श्री काशी विश्वनाथ धाम के विस्तारीकरण के बाद देवों के देव महादेव का आंगन दिव्य व भव्य होने के साथ सुविधायुक्त हुआ तो शिव भक्तों का रिकॉर्ड आवागमन होने लगा. भगवान विश्वनाथ के धाम में लोकार्पण के बाद बाबा की आरती में शामिल होने वालो की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है.
टिकट बिक्री नहीं होती
श्री काशी विश्वनाथ धाम में बाबा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है. विशेश्वर के दर्शन के साथ ही उनके आरती में शमिल होने का भी विशेष महत्त्व है. विश्वनाथ धाम के विस्तारीकरण के बाद सावन के महीने में जहां एक करोड़ श्रद्धालुओं ने बाबा के दरबार में हाजिरी लगाई. वहीं, धाम के लोकार्पण के बाद बाबा की आरती में शामिल होने वालों की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है. भोलेनाथ की पांच दैनिक आरती होती है. द्वादश ज्योतिर्लिंगों में प्रधान ज्योतिर्लिंग काशी विश्वनाथ के दिन की शुरुआत मंगला आरती से होती है. दोपहर में भोग आरती, शाम को सप्तऋषि आरती और उसके बाद बाद श्रृंगार भोग आरती होती है. रात्रि में महादेव के शयन के समय शयन आरती होती है ,जिसमें टिकट बिक्री नहीं होती है.
चारों आरती में उमड़ रहे भक्त
काशी विश्वनाथ धाम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा ने बताया कि टिकट के माध्यम से सुगम दर्शन के द्वारा काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के पहले दिसंबर 2020 से सितंबर 2021 तक चारों दैनिक आरती में शामिल होने वाले भक्तों की संख्या 58,096 थी जबकि लोकार्पण के बाद चारों आरती में शामिल होने वालों की संख्या दोगुनी से अधिक होकर 1,26,510 हो गई. उन्होंने बताया कि आने वाले समय में आरती में शामिल होने वालों भक्तों की संख्या और बढ़ने की संभावना है. श्री काशी विश्वनाथ धाम के अर्चक नीरज कुमार पांडेय ने बताया कि श्री विश्वनाथ भगवान की आरती चारों वेदों पर आधारित है. उन्होंने बताया कि महादेव के दर्शन के साथ भक्तों को आरती का विशेष फल मिलता है.
दिसंबर 2020 से सितंबर 2021 तक श्रद्धालुओं की संख्या
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मंगला आरती -27175
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भोग आरती -10824
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सप्तऋषि आरती -14655
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श्रृंगार भोग आरती -5442
दिसंबर 2021 से सितंबर 2022 तक श्रद्धालुओं की संख्या
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मंगला आरती -74302
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भोग आरती -12475
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सप्तऋषि आरती -26794
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श्रृंगार आरती -12939