Varanasi News: वाराणसी में तस्करों से मुक्त कराए गए 16 ऊंट में से एक की रविवार को मौत हो गई. यह सभी ऊंट पुलिस की निगरानी में थे. ऊंट की मौत से दुःखी गौ-ज्ञान फाउंडेशन के अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने इसके लिए जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा पर सवाल खड़े किए हैं. उनका कहना है कि कोर्ट ने जब तस्करी में मुक्त कराए गए इन ऊंटों को राजस्थान सिरोही भेजने का आदेश दिया था तो आखिर इन्हें भेजा क्यों नहीं गया?
इन ऊंट को तस्करों के चंगुल से मुक्त कराने में अहम भूमिका निभाने वाले गौ-ज्ञान फाउंडेशन के अधिवक्ता सौरभ तिवारी की अहम भूमिका रही हैं. अदालत ने जिलाधिकारी के खिलाफ कोर्ट के अवमानना की नोटिस जारी की है. जिसपर जिलाधिकारी को अदालत ने कहा कि 26 जुलाई तक वाराणसी के जिलाधिकारी बताएं कि ऊंटों को राजस्थान भिजवाने के लिए क्या कार्रवाई की गई. यदि कार्रवाई नहीं की गई तो क्यों नहीं की गई? गौ-ज्ञान फाउंडेशन के अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने कहा कि वातावरण अनुकूल न होने के कारण बीमारी की वजह से एक ऊंट की मौत हो गई. जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है.
उन्होंने कहा कि ऊंट के लिए यहां का मौसम अनुकूल नहीं है. इसलिए अदालत से अनुरोध किया गया था कि सभी को राजस्थान के सिरोही स्थित पशु आश्रय स्थल भेजने का आदेश दिया जाए. बीती 7 जुलाई को अदालत ने आदेश दिया था कि जिलाधिकारी सभी ऊंट को राजस्थान पहुंचाने की व्यवस्था कराएं. इन ऊंटों को बीती 27 जून को एक मालवाहक में ऊंट ठूस कर पश्चिम बंगाल ले जाया जा रहा था. गौ-ज्ञान फाउंडेशन की सूचना पर पुलिस ने रामनगर क्षेत्र में नेशनल हाईवे पर घेराबंदी कर मालवाहक को रोका था. मालवाहक से 16 ऊंट मुक्त करा कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था. एडवोकेट सौरभ तिवारी ने बताया कि जिलाधिकारी के स्तर से ऊंटों को राजस्थान ले जाने के लिए व्यवस्था नहीं की गई. इस पर उनके खिलाफ अदालत में अवमानना नोटिस दाखिल की गई. अवमानना नोटिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने 19 जुलाई को आदेश दिया. अदालत ने कहा कि 26 जुलाई तक वाराणसी के जिलाधिकारी बताएं कि ऊंटों को राजस्थान भिजवाने के लिए क्या कार्रवाई की गई. यदि कार्रवाई नहीं की गई तो क्यों नहीं की गई.
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इस संबंध में डीएम ने कहा कि पुलिस कमिश्नरेट थाना रामनगर अंतर्गत मुकदमा संख्या 114/2022 पशु क्रूरता अधिनियम में पुलिस द्वारा पकड़े गए 16 ऊंट की कस्टडी थाना पुलिस रामनगर से गौ ज्ञान फाउंडेशन को देने हेतु ACJM 1 न्यायालय द्वारा आदेश 7 जुलाई को जारी किया गया था. इनकी कस्टडी शुरू से गौज्ञान फाउंडेशन के पास है. वही इनकी देखरेख कर रहे थे. कुछ ऊटों के पैरों में रस्सी के निशान से जख्म थे जिनकी चिकित्सा करने हेतु पशु चिकित्सा विभाग के चिकित्सकों की भी ड्यूटी लिखित में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी द्वारा लगाई गई थी. ऊटों के उपचार में फाउंडेशन और पुलिस की मदद ये चिकित्सक कर रहे थे. आज उन में से एक ऊंट की मृत्यु की जानकारी प्राप्त होने पर मुख्य पशुचिकित्साधिकारी को ऊंट का पोस्टमार्टम पैनल के द्वारा कराने और कोई लापरवाही फाउंडेशन या पशु चिकित्सक के स्तर पर हुई है तो उसकी रिपोर्ट कल तक देने हेतु निर्देशित किया गया है. एक और ऊंट के नेगेटिव एनर्जी बैलेंस पाया गया है जिस पर उंसके इलेक्ट्रो लाइट चढ़ाया जा रहा है.
डीएम ने मीडिया को दिये बयान में कहा कि इस प्रकरण में दिनांक 7 जुलाई को न्यायालय की ओर से गौज्ञान फाउंडेशन को ये ऊंट कस्टडी में लेकर राजस्थान शिफ्ट करने के आदेश किये गए थे. इसके क्रम में ARTO को वाहन, CVO को रास्ते का चारा, संस्था को वाहन किराया अरेंज करने के आदेश किये गए थे. संस्था ने आज तक इसका कोई जवाब नहीं दिया और फिर सीधे कोर्ट में प्रस्तुत हो गई. फाउंडेशन की ओर से आदेश का अनुपालन ना करने के कारण ज़िला प्रशासन ने ACJM कोर्ट के आदेश का रिविजन वरिष्ठ न्यायालय में दायर कर रखा है जिस पर वरिष्ठ न्यायालय में सुनवाई होनी है. उंसके अनुसार आगे की कार्यवाही की जाएगी.
रिपोर्ट : विपिन सिंह