Ghaziabad News: सोशल मीडिया को लेकर समय-समय पर लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आती रहती हैं, कोई इसे समय बर्बाद करने वाला और मानसिक स्वास्थ्य पर पर बुरा असर डालने वाला प्लेटफार्म बताता है, तो कोई इसे काम का साधन बताता है, लेकिन इस बार कुछ ऐसा हुआ कि, फेसबुक ने खुद साबित कर दिया कि वो कितने काम की चीज है. ताजा मामला गाजियाबाद का है, जहां मेटा के जरिए एक युवक की जान बचाई गई.
दरअसल, मेटा से एक अलर्ट आने पर एसएचओ की तत्परता ने मंगलवार की रात विजय नगर में अपने घर में 23 वर्षीय एक व्यक्ति को आत्महत्या का प्रयास करने से रोकने में मदद की. कन्नौज से बीएससी स्नातक युवक जब व्यापार में असफल हो गया और उसे 90,000 रुपये का घाटा लग गया तो उसने आत्महत्या करने का प्लान बना लिया, क्योंकि यह पैसा उसके परिवार ने उसकी बहन की शादी के लिए रखा था.
पुलिस ने बताया कि, व्यक्ति ने आत्महत्या से पहले फेसबुक पर लाइव वीडियो शुरू किया और कहा कि, उसके पास खुद को मारने के अलावा कोई विकल्प नहीं था, क्योंकि उसके फैसलों के कारण उसका परिवार पीड़ित हो चुका था. युवक की आत्महत्या की तैयारी का वीडियो अमेरिका के कैलिफोर्निया में मेटा (फेसबुक की पैरेंट कंपनी) के हेडक्वार्टर में देखा गया तो वहां से तुरंत युवक की लोकेशन पता की गई. कंपनी के अधिकारियों ने आनन-फानन में यूपी पुलिस को अलर्ट भेजा. फेसबुक ने उस व्यक्ति के सोशल मीडिया अकाउंट, उसके फोन नंबर और स्थान को पुलिस के साथ साझा किया.
मेटा से अलर्ट मिलते ही साइबर टीम को विजय नगर स्थित प्रताप विहार में उसके आईपी पते का पता लगाने के निर्देश दिए गए. विजय नगर एसएचओ अनीता चौहान को जब तक वीडियो के बारे में पता चला, तब तक रात के 10.30 बज चुके थे. वह जानती थी कि पुलिस समय पर युवक के घर का पता नहीं लगा सकती हैं, क्योंकि इलाके में लगभग 500 घर हैं. इसलिए, उन्होंने उसका फोन पर कॉल करने का फैसला किया.
पुलिस ने बताया कि, ‘फोन बज रहा था, लेकिन उसने शुरू में नहीं उठाया. जब दो टीमें प्रताप विहार में ब्लॉक से गुजर रही थीं, तो उसने आठवीं कोशिश में पुलिस का फोन उठाया. पहले चौहान ने अपना परिचय दिया और युवक को आश्वासन दिया कि पुलिस उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगी. फिर उसके कारणों को समझने के लिए उससे सवाल पूछे. जब पुलिस ने उससे उसके परिवार के बारे में पूछा, तो वह रोने लगा और बताया कि उसने 90,000 रुपये गवां दिए हैं, जो उसकी मां ने बहन की शादी के लिए बचाए थे.
पुलिस के लगातार समझाने के बाद बाद शांत हुआ, लेकिन अभी भी युवक ने पुलिस को अपना पता नहीं बताया, लेकिन 10 मिनट की कोशिश के बाद उसने अपना पता बता दिया. एसएचओ चौहान ने अपने जूनियर्स को इशारा किया और उन्हें युवक के घर का नंबर बता दिया. पुलिस टीम रात 11 बजे तक युवक के घर पहुंच गई और युवक को पुलिस स्टेशन लाया गया.
गाजियाबाद के सहायक पुलिस आयुक्त अंशु जैन ने बताया कि, युवक ने सेकेंड हैंड मोबाइल फोन बेचने का अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए मार्च 2022 में गुड़गांव की एक कंपनी में नौकरी छोड़ दी थी. एसीपी ने कहा, ‘छह महीने पहले, उसने अपनी मां से पैसे लेकर कारोबार शुरू किया. उसने अपनी मां से वादा किया था कि वह इस साल इसे वापस कर देगा, लेकिन वह कारोबार में सब कुछ खो बैठा. बीएससी स्नातक को एसएचओ और उनकी टीम द्वारा दो घंटे तक काउंसलिंग की गई, और जब उसके परिवार के सदस्य आ गये तो पुलिस ने युवक को उनके हवाले कर दिया, जहां से वह कन्नौज वापस चला गया.