Ghaziabad: बच्चे के ऑनलाइन बैटल गेम की लत ने परिवार को लगाई लाखों की चपत, साइबर एक्सपर्ट ऐसे कर रहे जांच…
ऑनलाइन गेम के कारण बच्चे मानसिक रूप से कई समस्याओं से जूझ रहे हैं तो साइबर ठग उनकी इस लत का फायदा उठाने से बाज नहीं आ रहे हैं. ताजा मामले में गाजियाबाद के नंदग्राम थाना क्षेत्र में रहने वाले कक्षा 6 के छात्र ने ऑनलाइन बैटल गेम में प्रो प्लेयर बनने की कोशिश में 2.5 लाख रुपये गंवा दिए.
Ghaziabad: बच्चे की ऑनलाइन बैटल गेम की लत ने एक परिवार को लाखों की चपत लगा दी. जब तक बच्चा परिवार को इस बारे में बताता और कोई कुछ कर पाता, तब तक साइबर ठग अपना खेल कर चुके थे. बच्चे के पिता ने अब गाजियाबाद पुलिस से शिकायत की है, जिसके बाद साइबर एक्सपर्ट मामले की तह पर जाने में जुटे हैं.
नंदग्राम इलाके में रहता है परिवार
बच्चों के हाथों में मोबाइल जहां पढ़ाई के लिहाज से मददगार है, वहीं इससे जुड़ी कई लत भारी नुकसान पहुंचा रही है. ऑनलाइन गेम के कारण बच्चे मानसिक रूप से कई समस्याओं से जूझ रहे हैं तो साइबर ठग उनकी इस लत का फायदा उठाने से बाज नहीं आ रहे हैं. ताजा मामले में गाजियाबाद के नंदग्राम थाना क्षेत्र में रहने वाले कक्षा 6 के छात्र ने ऑनलाइन बैटल गेम में प्रो प्लेयर बनने की कोशिश में 2.5 लाख रुपये गंवा दिए.
पिता के डेबिट कार्ड की डिटेल हुई इस्तेमाल
ठगी के इस खेल में बच्चे के पिता के डेबिट कार्ड की डिटेल इस्तेमाल की गई. बैटल गेम में लोग टीम बनाकर खेलते हैं. बच्चे के पिता ने पुलिस को बताया कि साइबर ठग ने इसका फायदा उठाकर उससे बात की और कुछ रुपये के बदले में उसने ऊंचे लेवल की गन और अन्य चीज दिलवाने की बात कही. बच्चा उसकी बातों में आ गया और दोनों गेम पर चैट करने लगे.
डेबिट कार्ड का पिन हासिल कर की ठगी
इस बीच साइबर ठग ने बच्चे से पिता के डेबिट कार्ड का पिन पूछा और फिर बैंक अकाउंट से 2.58 लाख रुपये निकाल लिए. शुरुआती जांच में सामने आया है कि जिस गेम से बच्चे के साथ ठगी की गई, वह हाल में प्रतिबंधित किया जा चुका है. इसके बावजूद अवैध तरीके से बच्चों को इसके जाल में फंसाया जा रहा है. आरोपित ने ट्रांजेक्शन के लिए यूपीआई से गेम के वॉलेट में रुपये ट्रांसफर किए हैं. ऐसे में ट्रांजेक्शन के संबंध में पुलिस को जानकारी नहीं मिल पाई है.
साइबर ठग की जुटाई जा रही जानकारी
मामले में एडीसीपी क्राइम ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि साइबर एक्सपर्ट के साथ बात की गई है. मामले में गहराई से डिटेल निकालने की कोशिश की जा रही है, जिससे महत्वपूर्ण सुराग हाथ लग सकें और साइबर ठग तक पहुंचा जा सके. इसके आधार पर कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी.
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मोबाइल पर गेम साबित हो रहा घातक
दरअसल ऑनलाइन बैटल गेम बच्चों और युवाओं के बीच बेहद लोकप्रिय हैं. आमतौर पर ऐसे गेम शूटिंग और जिंदा रहने की लड़ाई पर बेस्ड होते हैं. जहां पर खेलने वालों का एक बड़ा ग्रुप युद्ध के मैदान में आता है और आखिर तक बने रहने के लिए आपस में लड़ाई करता है. इस बैटल मैच में प्लेयर्स अपने दुश्मनों को गोली मारने के लिए ऑनलाइन मिनी-गन, बजूका और राइफल आदि का इस्तेमाले करते हैं. इसे लेकर बच्चों में हिंसक प्रवृत्ति भी बढ़ रही है. इससे जुड़े कई मामले सामने आ चुके हैं.
मनोचिकित्सक भी अभिभावकों से बच्चों को ऐसे खेल से दूर रहने की सलाह देते हैं. वहीं साइबर ठगी के लिहाज से भी ये खेल सुरक्षित नहीं हैं. इसके मद्देनजर भारत में केंद्र सरकार कई चीनी ऐप्स समेत अन्य मोबाइल गेम पर प्रतिबंध लगा चुके हैं. इसके बावजूद किसी न किसी रूप में बच्चों को इसके नाम पर साइबर ठग अपना शिकार बना रहे हैं.