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Exclusive: ऑनलाइन श्राद्ध कराने की बढ़ रही डिमांड, अलीगढ़ के पंडित ऐसे कराते हैं क्रिया सम्पन्न…

अपने पूर्वजों के निमित्त उनकी मृत्यु तिथि पर उनका श्राद्ध कराना चाहते हैं, वह अपने किसी विशेष गुरु, आचार्य या पंडित जी, जिसे वह उचित समझते हैं, को 2 या 3 दिन पहले गूगल पे, पेटीएम, फोन पे, बैंक एकाउंट में ऑनलाइन पेमेंट ट्रांसफर कर देते है. जिससे पंडि़त जी उस नियत तिथि पर श्राद्ध का व्यवस्था करते हैं.

Aligarh News: अब हर तरफ ऑनलाइन की ही धूम मची हुई है. बस एक क्लिक से कई काम आसानी से अंजाम दिए जा रहे हैं. अब तो अपने पूर्वजों के श्राद्ध भी ऑनलाइन होने लगे हैं. अलीगढ़ के पंडित जी देश में ही नहीं अमेरिका, कनाडा, इंग्लैंड, जर्मनी आदि देशों में रहने वाले 10 से अधिक लोगों के पूर्वजों के लिए ऑनलाइन श्राद्ध कराते आए हैं.

ऑनलाइन भेजी पंडित जी की दक्षिणा

अलीगढ़ के ज्योतिषाचार्य पंडित ह्रदय रंजन शर्मा ने प्रभात खबर को बताया कि पिछले कुछ वर्षों से देखने में आ रहा है कि जो लोग देश-विदेश में अपने घर परिवार से दूर रहते हैं, पर उनकी अपने पूर्वजों यानी पित्रों में आस्था, विश्वास है. वह अपने पूर्वजों के निमित्त उनकी मृत्यु तिथि पर उनका श्राद्ध कराना चाहते हैं, वह अपने किसी विशेष गुरु, आचार्य या पंडित जी, जिसे वह उचित समझते हैं, को 2 या 3 दिन पहले गूगल पे, पेटीएम, फोन पे, बैंक एकाउंट में ऑनलाइन पेमेंट ट्रांसफर कर देते है. जिससे पंडि़त जी उस नियत तिथि पर श्राद्ध का व्यवस्था करते हैं. ऑनलाइन श्राद्ध के लिए 3100 से 5100 रुपए भेजे जाते हैं, जिसमें पंडित जी की दक्षिणा, कपड़े, जाता, जूते या चप्पल, भोजन की कीमत शामिल होती है.

ऐसे होता है ऑनलाइन श्राद्ध…

जिस नियत तिथि पर उनके पूर्वज का श्राद्ध होता है, उस दिन भारतीय समयानुसार दोपहर 12 बजे से 1:30 के बीच व्हाट्सएप, जूम आदि एप पर वीडियो कॉल के द्वारा पंडित जी, उन्हें उस दिन भोजन की व्यवस्था के बारे में बताते हैं. जिसके अंतर्गत वह खाना और पकवान बनाकर तैयार रखते हैं. उस दिन वह लोग अपने दैनिक नित्य क्रियाओं से निवृत्त होने के पश्चात अपने पूर्वजों के फोटो को साफ, शुद्ध करके उस पर फूल माला, तुलसीपत्र इत्यादि चढ़ाते हैं. भोजन से पंचवली यानी गाय, कुत्ता, चींटी, कौआ और देवता निकाली जाती है. ऐसा ही दूसरी ओर भोजन करने वाले पंडित जी भी करते हैं. उसके बाद ब्राह्मण भोज किया जाता है. जिसे वीडियो कॉल के द्वारा दर्शाया जाता है. ब्राह्मण भोजन के बाद श्राद्ध करने वाले यजमान एक तांबे के पात्र में जल लेकर दक्षिण दिशा की तरफ अपने पूर्वजों के नाम से चढाते हैं. अपने पूर्वजों के चरण स्पर्श करते हैं. आशीर्वाद लेने के पश्चात अपना भोजन करते हैं. इस प्रक्रिया से यह ऑनलाइन श्राद्ध पूरा होता है.

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एक दिन में एक ऑनलाइन श्राद्ध

ज्योतिषाचार्य पंडित ह्रदय रंजन शर्मा ने बताया कि एक ऑनलाइन श्राद्ध में 20 से 25 मिनट लगते हैं. एक दिन में एक श्राद्ध सम्पन्न कराया जाता है. एक दिन में एक से अधिक श्राद्ध खाना धर्म अनुसार गलत है.

रिपोर्ट : चमन शर्मा

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