Lucknow News: यूपी की राजनीति में इन दिनों सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओमप्रकाश राजभर चर्चा का विषय बने हुए हैं, लेकिन इस बार वे अपने ही बिछाए जाल में फंसते नजर आ रहे हैं. यूपी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले बीजेपी और अब समाजवादी पार्टी (SP) से नाता तोड़कर बहुजन समाज पार्टी (BSP) से संबंध बढ़ाने की कोशिशों के बीच उन्हें बड़ा झटका लगा है. बसपा के राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद ने बिना नाम लिए राजभर को ‘स्वार्थी’ करार दिया है. साथ ही ऐसे लोगों से सावधान रहने की बात कही है.
आनंद ने सोमवार को किए एक ट्वीट में किसी का नाम लिए बगैर कहा कि, ‘बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के शासन, प्रशासन, अनुशासन की पूरी दुनिया तारीफ करती है, लेकिन कुछ अवसरवादी लोग भी बहन जी के नाम के सहारे अपनी राजनीतिक दुकान चलाने की कोशिश करते हैं. ऐसे स्वार्थी लोगों से सावधान रहने की जरूरत है.’
दरअसल, आनंद का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर आए दिन मीडिया से बातचीत में बसपा से हाथ मिलाने की बात करते नजर आए हैं. उन्होंने रविवार को जौनपुर में मीडिया से बातचीत में कहा था कि उनका व्यक्तिगत रूप से मानना है कि अब बसपा से हाथ मिलाया जाना चाहिए.
बता दें, राजभर की पार्टी विधानसभा चुनाव 2022 समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में बीजेपी के खिलाफ लड़ी थी और उसे छह सीटों पर जीत भी हासिल हुई थी. राजभर ने इससे पहले साल 2017 का विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ मिलकर लड़ा था और उनकी पार्टी सरकार में भी शामिल हुई थी, लेकिन प्रदेश के मुखिया सीएम योगी आदित्यनाथ से मतभेदों के कारण वह सरकार से अलग हो गई थी. अब देखना दिलचस्प होगा कि राजभर बसपा के राष्ट्रीय संयोजक के इस बयान को किस तरह से लेते हैं.