UP में द्रौपदी मुर्मू को मिला राजभर, राजा भैया और शिवपाल का समर्थन, विपक्ष बना यशवंत सिन्हा के लिए मुसीबत
सीएम योगी ने द्रौपदी मुर्मू के सम्मान में शुक्रवार को रात्रि भोज बुलाया, जहां विपक्ष से सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर, सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव के साथ रघुराज प्रताप सिंह ‘राजा भैया’ भी पहुंचे.
Lucknow News: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू कल यानी 8 जुलाई को प्रदेश के विधायकों और सांसदों का समर्थन मांगने लखनऊ पहुंची. मुर्मू का दौरा जहां बीजेपी को मजबूती प्रदान करने वाला साबित हुआ, वहीं दूसरी और विपक्ष की एकता की भी पोल खुल गई. ऐसा इसलिए क्योंकि सीएम योगी ने मुर्मू के सम्मान में बुलाए रात्रि भोज में विपक्ष से सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर, सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के चाचा और विधायक शिवपाल यादव के साथ रघुराज प्रताप सिंह ‘राजा भैया’ भी पहुंचे.
द्रौपदी मुर्मू का समर्थन विपक्ष के लिए कैसे बना मुसीबत
मुख्यमंत्री योगी की रणनीति ने न सिर्फ मुर्मू के समर्थन को मजबूती प्रदान की, बल्कि विपक्ष में एक नई मुसीबत पैदा कर दी है. प्रदेश की विपक्षी पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक ने द्रौपदी मुर्मू के समर्थन का ऐलान कर दिया है. रात्रि भोज में शामिल होने पहुंचे राजग संस्थापक ‘राजा भैया’ ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, ‘आज के दौर में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर द्रौपदी मुर्मू का चयन बेहद जरूरी है. यही कारण है कि भाजपा के अलावा अन्य राजनीतिक दल भी उनका समर्थन कर रहे हैं. हमारे दोनों विधायक उनका समर्थन करेंगे.’
यूपी में द्रौपदी मुर्मू को मिला विपक्ष का समर्थन
जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी के अलावा बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी गठबंधन में शामिल सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी भी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में खुलकर सामने आ गई हैं, जोकि अखिलेश यादव के लिए चिंता का एक बड़ा विषय बन गया है.
सुभासपा का समर्थन बिगाड़ सकता है 2024 का खेल
राष्ट्रपति पद के लिए राजग प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में भाजपा गठबंधन दलों में निषाद पार्टी के छह विधायक, अपना दल (सेक्यूलर) के दो सांसद, एक एमएलसी और 12 विधायकों का समर्थन पहले से ही प्राप्त है. इंतजार था तो बस विपक्ष के समर्थन का, जोकि सीएम योगी के प्रयास से मिला, इस समर्थन से सपा के भविष्य पर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह भी खड़ा हो गया है. मर्मू को सुभासपा के 6 विधायक, जनसत्ता दल के 2 विधायक और एक एमएलसी के साथ बसपा के 10 सांसद, एक विधायक और एक एमएलसी और सपा के एक विधायक का समर्थन मिल गया है.