कानपुर में सिख विरोधी दंगों के 74 आरोपियों में अब तक 6 की गिरफ्तारी, अन्य 68 पर कसता जा रहा है शिकंजा
योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से गठित की गई एसआईटी ने गिरफ्तारी शुरू कर दी है. कुछ रोज पहले ही कानपुर में एसआईटी की जांच के बाद 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. मंगलवार को अब इसी क्रम में 2 अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है. जल्द ही एसआईटी ऐसे 68 और आरोपियों की गिरफ्तारी करेगी.
Kanpur Sikh Riots 1984: सिख विरोधी दंगों को लेकर गिरफ्तारियों का दौर शुरू हो चुका है. 38 साल से इंसाफ का इंतजार करने वालों के लिए यह काफी राहत भरी खबर है. योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से गठित की गई एसआईटी ने गिरफ्तारी शुरू कर दी है. कुछ रोज पहले ही कानपुर में एसआईटी की जांच के बाद 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. मंगलवार को अब इसी क्रम में 2 अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है. जल्द ही एसआईटी ऐसे 68 और आरोपियों की गिरफ्तारी करेगी.
6 बार एसआईटी का कार्यकाल बढ़ा
एसआईटी ने जब जांच शुरू की तो 11 ऐसे मामले पाए गए. इसमें पर्याप्त साक्ष्य मौजूद थे. गवाह भी मिले. इसके बाद 96 आरोपियों के नाम सामने निकलकर आए. इनमें से 22 की मौत हो चुकी है जबकि 74 की गिरफ्तारी की जानी थी. इन 74 लोगों में 6 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है. जल्द ही बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी. इन दंगाइयों की गिरफ्तारी घाटमपुर से की गई है. वहीं, सिख दंगा एसआईटी के इंचार्ज डीआईजी बालेंद्र भूषण ने एबीपी न्यूज से कहा कि सरकार की मंशा के चलते ही ये संभव हो पाया है. सरकार ने 6 बार एसआईटी का कार्यकाल बढ़ाया. वहीं, दंगों के मामलों में गिरफ्तारी शुरू होने के बाद सिख समुदाय संतुष्ट नजर आ रहा है.
127 लोगों की हत्या की गई थी
दरअसल, प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद साल 1984 में सिख विरोधी दंगों में कानपुर में 127 लोगों की हत्या कर दी गई थी. कई लोगों के घरों में जमकर लूटपाट करने के साथ ही घरों को आग तक लगा दिया गया था. उस समय कई एफआईआर दर्ज हुई लेकिन किसी भी आरोपी को पकड़ा नहीं गया था. इसके बाद से सिख समुदाय को इंसाफ का इंतजार ही रह गया. कई एसआईटी गठित की गई थीं. मगर किसी को भी अरेस्ट नहीं किया गया था. वर्ष 2019 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर दंगों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया.