Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली का सबसे पुराना ओवरब्रिज किला है.यह 1982 में एनईआर (पूर्वोत्तर रेलवे) की किला क्रासिंग के ऊपर बनाया गया था.यह ओवरब्रिज अपनी उम्र गुजार चुका है.जिसके चलते काफी गहरे-गहरे गड्ढों के साथ ही जर्जर हो गया है.वाहन गुजरने के दौरान ओवरब्रिज कांपता है. इससे ओवरब्रिज के ऊपर से गुजरने वालों के साथ ही नीचे से गुजरने वालों में भी दहशत होती है. ओवरब्रिज से हर कोई खौफजदा है. मगर अब 40 वर्ष बाद मौत के खौफ से लोगों को निजात मिलेगी. सेतु निगम ने सर्वे पूरा करने के बाद लेआउट डिजाइन कर परियोजना प्रबंधक की ओर से शासन को प्रस्ताव भेजा गया है. इसके लिए जल्द ही रेलवे निगम समेत संबंधित विभागों से एनओसी लेने की कवायद शुरू हो गई है.
सेतु निगम ने स्मार्ट सिटी में स्मूथ ट्रैफिक से शहरों को कनेक्ट करने की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की योजना के तहत सेतु निगम ने 250 करोड़ के दो प्रोजेक्ट तैयार किए हैं. इसमें किला क्रॉसिंग और डेलापीर तिराहे पर दो ओवरब्रिज बनाएं जाएंगे. सेतु निगम ने सर्वे करने के बाद डिजाइन और लेआउट तैयार कर प्रस्ताव शासन को भेजा गया है. प्रस्ताव को मंजूरी मिलने और धन आवंटन के बाद तेजी से काम शुरू कर दिया जाएगा. रेलवे, वन विभाग, सीयूजीएल, नगर निगम, उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड समेत संबंधित विभागों को भी सहमति पत्र के लिए प्रस्ताव भेजा गया है.
शहर की किला क्रॉसिंग पर एक किलोमीटर लंबा ओवरब्रिज बनाया जायेगा.शहर से दिल्ली रोड को कनेक्ट करेगा. उसके बराबर में ही सत्य प्रकाश पार्क से आगे पेट्रोल पंप के सामने से किला फ्लाईओवर की शुरुआत होगी. उसका दूसरा सिरा दूल्हे मियां की मजार के पास रहेगा. यह करीब 100 करोड़ की लागत से ओवर ब्रिज बनेगा.
Also Read: बरेली में निकाय चुनाव में सपा -बसपा और कांग्रेस की अग्निपरीक्षा, भाजपा को गढ़ बचाने की चुनौती
डेलापीर मंडी गेट से लेकर सत्या पेट्रोल पंप तक 12 सौ मीटर लंबा ओवरब्रिज वाईशेप में बनाया जायेगा. इसका एक सिरा स्टेडियम रोड और दूसर हिस्सा पीलीभीत रोड पर रहेगा. इसकी शुरुआत डेलापीर मंडी गेट से की जाएगी. सेतु निगम के परियोजना प्रबंधक वीके सिंह ने बताया कि ओवरब्रिज के निर्माण में 145 करोड़ की लागत आ रही है. इसका प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है. इसके बनने से शहर से एयरपोर्ट को कनेक्ट किया जायेगा.
एनईआर ने किला ओवरब्रिज निर्माण के दौरान 4.50 लाख रुपए खर्च किए थे.उनको यह क्रॉसिंग बंद करनी थी. मगर यहां के लोगों ने विरोध किया. क्रॉसिंग से गुजरने वाले बंद नहीं होने दे रहे थे. इसके चलते आंदोलन हुआ.इसके बाद प्रशासन ने हस्तक्षेप कर क्रासिंग बंद नहीं होने दी. मगर प्रशासन को 4.25 लाख रुपए रेलवे को वापस देने पड़े.
रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद