पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र स्थित मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का बदला नाम, राज्यपाल ने इस नाम को दी अनुमति…

बनारस: काशी विश्वनाथ की नगरी बनारस, जो देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के रूप में भी जाना जाता है, अब फिर एक बार चर्चे में है. दरअसल, काशी स्थित मंडुआडीह रेलवे स्टेशन अब बनारस के नाम से जाना जाएगा. उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इसके नाम बदलने की अनुमति दे दी है. जिसकी जानाकरी केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर दी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 18, 2020 11:42 AM
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बनारस: काशी विश्वनाथ की नगरी बनारस, जो देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के रूप में भी जाना जाता है, अब फिर एक बार चर्चे में है. दरअसल, काशी स्थित मंडुआडीह रेलवे स्टेशन अब बनारस के नाम से जाना जाएगा. उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इसके नाम बदलने की अनुमति दे दी है. जिसकी जानाकरी केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर दी है.

रेलमंत्री ने ट्वीट कर दी जानकारी 

रेलमंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा कि ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के मंडुआडीह स्टेशन को अब पूरे देश में लोकप्रिय व प्रसिद्ध नाम बनारस से जाना जाएगा. उत्तर प्रदेश के महामहिम राज्यपाल द्वारा, केंद्र सरकार के अनापति पत्र के आधार पर इस स्टेशन का नाम परिवर्तित कर बनारस रखने की अनुमति दी गई.’


अगस्त में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दी थी नाम बदलने के लिए मंजूरी

इससे पहले अगस्त में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलने के लिए मंजूरी दे दी थी. जिसके बाद इस तरफ की कागजी तैयारी चल रही थी. अब मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर बनारस करने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया है.

कई महत्वपूर्ण ट्रेनों का होता है संचालन

बता दें कि किसी भी स्थान का नाम बदलने के प्रस्ताव को रेल मंत्रालय, डाक विभाग और सर्वे ऑफ इंडिया से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने के बाद ही मंजूरी दी जाती है. कुल आठ प्लेटफार्म वाले इस स्टेशन से वाराणसी-नई दिल्ली की सबसे महत्वपूर्ण ट्रेन शिवगंगा एक्सप्रेस, ग्वालियर के लिए बुंदेलखंड एक्सप्रेस समेत आधा दर्जन प्रमुख ट्रेनों का संचालन होता है.

Published by : Thakur Shaktilchan Sandilya

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