Padma Shri 2023: भारत सरकार द्वारा साल 2023 के पद्म पुरस्कारों की सूची जारी कर गई है. जिसमें यूपी के उमाशंकर पांडेय (Uma Shankar Pandey) का नाम भी शामिल है. उमा शंकर पांडेय एक सोशल वर्कर हैं. उन्हें पद्म सम्मान के लिए चुना गया है. यूपी के बुंदेलखंड के बांदा जिले के जखनी को जल ग्राम बनाने में उमा शंकर पांडेय का खास योगदान रहा है. आइए जानते हैं कौन हैं उमा शंकर पांडेय, जिन्हें मोदी सरकार ने पद्मश्री सम्मान अवार्ड से सम्मानित करने का ऐलान किया है.
उमा शंकर पांडेय (Uma Shankar Pandey Padma Shri 2023) एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं. पांडेय (Uma Shankar Pandey Biography) मूलरूप से बांदा जिले के जखनी गांव के रहने वाले हैं. उमाशंकर ने सामुदायिक प्रयास से अपने गांव को जल ग्राम बना दिया है. उमा शंकर का जीवन संघर्षों से भरा रहा है. युवावस्था में ही उमाशंकर विकलांग हो गए. लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी. 61 वर्षीय उमा शंकर को आज देश में लोग जल योद्धा के नाम से जानते हैं.
इस बात से तो सभी वाकिफ होंगे कि बुंदेलखंड के लोग काफी लंबे समय से सूखे की समस्या से जूझ रहे हैं. इस बीच उमा शंकर पांडेय ने जखनी गांव को जल ग्राम बनाने का निर्णय लिया और जल संकट से निपटने के लिए पानी पर काम करना शुरू कर दिया. उन्होंने पूर्वजों के किए कार्यों और अनुभवों के सहारे दो दशक पहले मेड़बंदी का तरीका अपनाया और उसमें वह सफल हुए.
जखनी गांव को जल ग्राम बनाकर उमा शंकर पूरे देश में मशहूर हो गए. अपने इस प्रयास से उन्होंने 2,000 बीघे में मेड़बंदी की. आज के दौर में जखनी गांव के कुएं और तालाब पानी से भरे हुए हैं. बता दें पीएम मोदी ने उमा पांडेय के इस प्रयास की सरहाना की है.
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बता दें जल योद्धा के नाम से मशहूर उमा शंकर पांडेय को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल (Uma Shankar Award) चुके हैं. उमा शंकर, कृषक सम्मान राज्य स्तरीय सम्मान, रजत की बूंदें राष्ट्रीय पुरस्कार, राष्ट्रीय संवैधानिक जल योद्धा सम्मान आदि से सम्मानित हो चुके हैं.