सोनेलाल पटेल की मौत की सीबीआई जांच की मांग, बेटी पल्लवी पटेल बोलीं- कातिल हैं जिंंदा, हम हैं शर्मिंदा
पल्लवी पटेल ने कहा, 'मेरे पिता डॉ. सोनेलाल पटेल ने सामाजिक न्याय की लड़ाई में अपनी जान दी थी. उनकी मौत की जांच नहीं की जा रही है. इसका जवाब सरकार को देना होगा. मेरे पिता की हत्या की सीबीआई जांच के लिए संघर्ष जारी रहेगा.' लखनऊ के हजरतगंज चौराहे पर सोमवार की सुबह दो बड़ी होर्डिंग्स भी नजर आईं.
CBI inquiry Sonelal Patel death: अपना दल कमेरावादी की नेता व सिराथू से विधायक पल्लवी पटेल सोमवार को हजरतगंज में अंबेडकर प्रतिमा के पास अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गईं. वह साल 2009 में अपने पिता डॉ. सोनेलाल पटेल की मौत की सीबीआई जांच की मांग कर रही थीं. इस दौरान उनके साथ अपना दल कमेरावादी की अध्यक्ष व उनकी मां कृष्णा पटेल भी मौजूद थीं. उनके साथ बड़ी संख्या में उनके समर्थक थे. सोमवार को सोनेलाल पटेल की पुण्यतिथि भी थी.
न्याय मांगने के लिए लड़ना पड़ता है क्योंकि सरकार न्याय देने में असमर्थ है…#justicefordrsonelalpatel pic.twitter.com/J3iuoOdvyS
— Dr. Pallavi Patel (@pallavi_apnadal) October 17, 2022
इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए पल्लवी पटेल ने कहा, ‘मेरे पिता डॉ. सोनेलाल पटेल ने सामाजिक न्याय की लड़ाई में अपनी जान दी थी. उनकी मौत की जांच नहीं की जा रही है. इसका जवाब सरकार को देना होगा. मेरे पिता की हत्या की सीबीआई जांच के लिए संघर्ष जारी रहेगा.’ यही नहीं लखनऊ के हजरतगंज चौराहे पर सोमवार की सुबह दो बड़ी होर्डिंग्स भी नजर आईं. उनमें सोनेलाल पटेल की मौत को लेकर सवाल उठाये गए थे. अपने पिता की मौत को लेकर सिराथू से विधायक पल्लवी पटेल ने सोशल मीडिया में भी आवाज बुलंद की. इस दौरान कार्यकर्ताओं के साथ जब पल्लवी पटेल प्रदर्शन करते हुए आगे बढ़ने लगीं तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया. इस बीच कार्यकर्ताओं ने बेरिकेडिंग को भी गिरा दिया. साथ ही, उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘न्याय मांगने के लिए लड़ना पड़ता है क्योंकि सरकार न्याय देने में असमर्थ है…’ इसके की साथ ही उन्होंने पुलिस से हुई धक्का-मुक्की की वीडियो भी शेयर की.
न्याय मांगने के लिए लड़ना पड़ता है क्योंकि सरकार न्याय देने में असमर्थ है…#justicefordrsonelalpatel pic.twitter.com/J3iuoOdvyS
— Dr. Pallavi Patel (@pallavi_apnadal) October 17, 2022
अपना दल (कमेरावादी) राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल और उनकी दो बेटियां पल्लवी पटेल, अमन पटेल सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ हजरतगंज चौराहे पर धरने पर बैठी नजर आईं. कार्यकर्ताओं ने हाथ में जस्टिस फॉर डॉ. सोनेलाल पटेल के बैनर, तख्तियां लेकर सीबीआई जांच कराने की मांग की. बैनर पोस्टर में डॉ. साहब हम शर्मिंदा हैं, आपके कातिल जिंदा हैं, के स्लोगन और नारे लिखे गए थे.
डॉ सोनेलाल पटेल की कैसे हुई थी मौत?17 अक्टूबर 2009 को कानपुर के नवाबगंज थानान्तर्गत कम्पनीबाग चौराहे के पास एक बेकाबू कार ने डॉ सोनेलाल पटेल की कार में जोरदार टक्कर मार दी थी. वे दोस्तों और सहयोगियों को दीपावली की बधाई देने जा रहे थे. इस टक्कर के बाद उनकी कार अनियंत्रित होकर एक दीवार से जा टकराई थी. वह कार के भीतर ही अचेत हो गये थे. परिजनों ने डॉ पटेल को गंभीर हालत में सवरेदय नगर के रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया था. मगर डॉक्टर्स की काफी कोशिशों के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका था. अब उसी घटना की सीबीआई जांच की मांग की जा रही है.
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