अग्निपथ स्कीम का विरोध करने वाले वाराणसी जेल में बंद युवाओं से मिलने पहुंचीं पल्लवी पटेल, दिया संदेश
अपने वाराणसी दौरे के बारे में पल्लवी पटेल ने कहा, 'मेरा उद्देश्य है कि संगठन के सभी छोटे-बड़े पदाधिकारियों से मिलना था. हम जिला कारागार में दो कारणों से गए थे. एक तो हमारी पार्टी के कार्यकर्ता एवं पूर्व जिला पंचायत सदस्य रमेश से मुलाकात करना था. वह साल 2002 से एक केस में जेल में बंद हैं.
Varanasi News: अपना दल (कामेरावादी) की नेता पल्लवी पटेल चुनाव के बाद पहली बार वाराणसी पहुंचीं. इस बीच उन्होंने वाराणसी जेल का दौरा कर सेना में योजना की नई स्कीम अग्निपथ के विरोध में जेल गए युवाओं तक अपना संदेश पहुंचाया. साथ ही, पार्टी के स्थानीय पदाधिकारियों के साथ बैठक भी की.
‘चुनाव है तो हार-जीत होगी ही’
अपने वाराणसी दौरे के बारे में पल्लवी पटेल ने कहा, ‘मेरा उद्देश्य है कि संगठन के सभी छोटे-बड़े पदाधिकारियों से मिलना था. हम जिला कारागार में दो कारणों से गए थे. एक तो हमारी पार्टी के कार्यकर्ता एवं पूर्व जिला पंचायत सदस्य रमेश से मुलाकात करना था. वह साल 2002 से एक केस में जेल में बंद हैं. दूसरा कारण अग्निपथ योजना के विरोध में जेल में बंद युवाओं मुलाकात करना था.’ उन्होंने यह भी बताया कि हमारी मुलाकात जेल में बंद युवाओं से सीधे तौर पर नहीं हो सकी. जेल के अधिकारियों ने उनका संदेश युवाओं तक और युवाओं का संदेश उन तक पहुंचाया. पल्लवी पटेल ने उपचुनाव को लेकर कहा कि अब चुनाव है तो हार-जीत तो लगा ही रहेगा. मगर पिछले सभी वर्षों के रिकॉर्ड को यदि ध्यान में रखें तो सबसे ज्यादा चुनाव सत्ता पक्ष ने ही जीता है. सबसे ज्यादा गौर करने वाली बात यह है कि चुनाव की जो लिमिटेशन व अनुशासन होता है वह दोनों तरफ से पालन किया गया.
आंदोलनकारियों को चाहिये जवाब
जेल में बंद युवाओं के पर पल्लवी ने कहा, ‘मुझे उन लड़कों की समस्या यह समझ आयी कि हर गांव में 8-10 ऐसे लड़के थे, जिनका फिजिकल एजुकेशन में परीक्षा पास हो चुका था और उनका सेलेक्शन पक्का था. अब इस योजना के आने के बाद उनको अपना भविष्य अधर में दिख रहा है. ऐसे में वह सरकार से जानना चाहते हैं कि उनके भविष्य के लिए क्या किया जाएगा? मुझे लगता है कि इस योजना में जो हकमारी होगी वह पिछड़े-दलित शोषित वर्ग की ही होगी.’
मायावती और ओवैसी पर बोलीं
बसपा सुप्रीमो मायावती के बारे में उन्होंने कहा कि लोकसभा उपचुनाव को देखकर कहीं से भी नहीं लगा कि बहुजन समाज पार्टी कोई चुनाव लड़ी है. मायावती मझी हुई राजनीतिज्ञ हैं. वहीं, एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी के बारे में पल्लवी पटेल ने कहा, ‘मेरा यह मानना है कि हर संघठन अपने आप में परिपक्व होता है. विचारधारा नीति के साथ कार्यकर्ता समाज में सबके साथ संघर्ष करेंगे तो कुछ भी असंभव नहीं है. पूरे विपक्ष को एसी कमरों से निकलकर सड़क पर आना चाहिए और मुद्दों को उठाना चाहिए. समाज और देश के लिए लड़ाई लड़नी चाहिए.
रिपोर्ट : विपिन सिंह