भटहट (Gorakhpur news) : बेटी की उम्र की दसवीं की छात्रा से संबंध बनाने वाले शिक्षक को गांव की पंचायत ने अजब फरमान सुना दिया. पंचों ने कहा कि शिक्षक के ही मन का फैसला देते हुए उसे छात्रा से शादी करने का फैसला सुना दिया. वह भी तब जब यह पता है कि नाबालिग से शादी करना और कराना भी एक जुर्म ही है.
बेटी के संबंधों की चर्चा से गांव में हो रही बदनामी से पीड़ित परिवार ने तो पंचों का फैसला मान तो लिया लेकिन शिक्षक के पिता ने निकाह से पहले संपत्ति बंटवारे की शर्त रख दी. उन्होंने कहा कि शिक्षक अगर अपनी आधी संपत्ति की पहली पत्नी के बच्चों के नाम रजिस्टर्ड वसीयत करता है, तब ही वह उसे निकाह करने देंगे.
पिपराइच थाना क्षेत्र के एक गांव के मदरसे में गांव का ही एक 50 साल का व्यक्ति बतौर शिक्षक बच्चों को पढ़ाता है. मदरसे में गांव की एक लड़की दसवीं में पढ़ रही थी. पहले से शादीशुदा व दो बच्चों के पिता शिक्षक ने छात्रा को अपने जाल में फंसा लिया. छात्रा व शिक्षक के बीच दो साल से संबंध थे. इसकी चर्चा फैली तो गांव के लोगों ने बृहस्पतिवार को पंचायत बुलाई. इसमें दोनों पक्ष के लोगों बुलाए गए. पंचायत में पंचों ने नाबालिग से शिक्षक की निकाह का फरमान सुना दिया.
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शिक्षक के पिता ने इसका विरोध किया. उसे विरोध छात्रा के नाबालिग होने पर बल्कि इस बात पर था कि निकाह के बाद छात्रा और उससे होने वाले बच्चों को उनकी सारी संपत्ति मिल जाएगी. उन्होंने पंचों से कहा कि अपने हिस्से की आधी संपति को शिक्षक को अपनी पहली पत्नी के बच्चे के नाम रजिस्टर्ड वसीयत करनी होगी उसके बाद ही वह निकाह की सहमति देंगे.