Bareilly News: बरेली में किला नदी और क्रॉसिंग पर 1980 में राहगीरों की सहूलियत के लिए ओवरब्रिज का निर्माण हुआ था. एक उम्र गुजार चुके ओवरब्रिज के एक्सपेंशन ज्वाइंट उखड़ गए हैं. जिसके चलते ओवरब्रिज से बाहनों के गुजरने पर पुल कांपने लगता है. ओवरब्रिज के कांपने से राहगीर भी दहशत में आ जाते हैं. वाहनों के आवागमन के दौरान ओवरब्रिज से काफी आवाज आती हैं, जैसे अभी गिर जाएगा.
दरअसल, 42 वर्ष पुराने किला ओवरब्रिज की दोनों एप्रोच दीवारें टूट चुकी हैं, तो वहीं दीवारों पर पेड़ और झाड़ियां तक उग आए हैं. जगह-जगह रेलिंग टूटी हुई है. काफी मुश्किल से रेलिंग को तार बांधकर रोका गया है. ओवरब्रिज के एक्सपेंशन ज्वाइंट उखड़ने से एक्सपेंशन के किनारे गड्ढे बन गए हैं. इससे वाहनों के साथ ही यात्रियों को भी झटके लगते हैं. इसलिए राहगीरों के साथ ही जनप्रतिनिधियों ने भी बूढ़े पुल की मरम्मत और बराबर से नए पुल के निर्माण की मांग की है. लेकिन, न मरम्मत हुई और न ही निर्माण हुआ. हालांकि, सेतु निगम ने एक जिला एक पुल योजना के तहत 3.50 करोड़ का प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय को भेजा था. मगर, इसका बजट कई वर्ष बाद भी नहीं आया.
किला ओवरब्रिज काफी पुराना है. जगह-जगह से रेलिंग टूट गई है. इससे कई बड़े हादसे हो चुके हैं. 2013 में कोयले से भरा ट्रक रेलिंग तोड़कर नीचे गिर गया था. इससे टेंपो में बैठे 03 लोगों की जान चली गई थी. 2011 में गैस से भरा टैंकर नीचे गिरने से बड़ा हादसा हुआ.गन्ने से भरा ट्रक गिरने से तीन राहगीरों की मौत हुई थी, जबकि 1996 में एक कैंटर गाड़ी गिर गई. इसमें 2 लोगों की जान गई थी. यहां अक्सर हादसे होते रहते हैं.
किला वाया कुतुबखाना-शाहामतगंज रोड नेशनल हाइवे था. सिंगल रोड होने के कारण शहर में किला ओवरब्रिज बनाकर चौपला, कालीबाड़ी से शहर के बाहर से रोड निकाला गया. रेलवे ने क्रासिंग बंद करने की कोशिश की. मगर, लोगों ने विरोध कर दिया. इससे काफी विवाद हुआ. इसके बाद प्रशासन ने रेलवे के क्रासिंग के ऊपर बने पुल निर्माण की करीब 04 लाख रुपये की राशि को वापस किया. इसके बाद से क्रासिंग खुली हुई है.
रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद