Good News: गाजियाबाद में बनेंगे लड़ाकू विमान सूखोई के कलपुर्जे, रक्षा उपकरणों के आयात पर निर्भरता होगी कम
सुखोई के उपकरणों की आपूर्ति हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और आर्म्स फाइटिंग व्हीकल के डीजल इंजन वॉल्व की आपूर्ति भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड को होगी. टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट बोर्ड ने कुल परियोजना लागत के 14.2 करोड़ में से 5.5 करोड़ रुपए की सहायता को मंजूरी दी है.
Ghaziabad News: भारत सरकार के टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट बोर्ड और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने गाजियाबाद के प्रिसिजन प्रॉडक्ट प्राइवेट लिमिटेड से सुरक्षा करार किया है. भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान सुखोई के कलपूर्जी का निर्माण अब गाजियाबाद की इस कंपनी में होगा. ये कंपनी सुखोई के रोटरी पाइप यूनियन और कवर के अलावा 1500 एचपी युद्धक इंजन टैंक के वॉल्व, बीईएमएल के उपकरणों के वॉल्व आदि बनाएगी.
ड्रोन निर्माण के लिए लगातार करार कर रहा
जानकारी के मुताबिक, सुखोई के उपकरणों की आपूर्ति हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और आर्म्स फाइटिंग व्हीकल के डीजल इंजन वॉल्व की आपूर्ति भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड को होगी. टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट बोर्ड ने कुल परियोजना लागत के 14.2 करोड़ में से 5.5 करोड़ रुपए की सहायता को मंजूरी दी है. प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड के मुताबिक, भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल के तहत स्वदेशी विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के विकास में मदद करने के उद्देश्य से रक्षा, फार्मा, ऑटोमोबाइल, ड्रोन निर्माण के लिए लगातार करार कर रहा है.
स्वदेशीकरण के लिए रुचि दिखाई
यह परियोजना रक्षा क्षेत्र के लिए ऐसी पहल है, जिसमें गाजियाबाद प्रिसिजन प्रोडक्ट कंपनी भारतीय वायुसेना के लड़ाकू बेड़े में अहम कहे जाने वाले सुखोई विमान के लिए महत्वपूर्ण कलपुर्जों एवं घटकों का निर्माण करेगी. भारत सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में रक्षा उपकरणों के आयात पर निर्भरता कम की है. स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए रक्षा मंत्रालय ने सृजन पोर्टल शुरू किया है. अभी तक जो 19509 रक्षा मदें आयात की जा चुकी थीं, उन्हें अब स्वदेशीकरण के लिए इस पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है. भारतीय उद्योग ने इनमें से 4006 रक्षा वस्तुओं के स्वदेशीकरण के लिए रुचि दिखाई है.