Pegasus Phone Taping Case : जासूसी विवाद पर मचा हंगामा, कांग्रेस-सपा-बसपा का वार, बोले योगी- इंटरनेशनल साजिश

Pegasus Phone Taping Case : इस्राइली स्पाइवेयर पेगासस के जरिये कई भारतीयों की कथित जासूसी करने संबंधी खबरों के बाद राजनीति गरमा गई है. जहां विपक्ष हमलावर है वहीं भाजपा की ओर से लगातार सफाई दी जा रही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 20, 2021 2:02 PM
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Pegasus Phone Taping Case : इस्राइली स्पाइवेयर पेगासस के जरिये कई भारतीयों की कथित जासूसी करने संबंधी खबरों के बाद राजनीति गरमा गई है. जहां विपक्ष हमलावर है वहीं भाजपा की ओर से लगातार सफाई दी जा रही है. मामले को लेकर सदन में आज भी जोरदार हंगामा हुआ. मंगलवार को यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके विपक्ष पर करारा प्रहार किया.

सीएम योगी ने कहा कि संसद सत्र के पहले विपक्ष सनसनी फैलाने की कोशिश कर रहा है. विपक्ष नकारात्मक भूमिका में आ चुका है. कोरोना में विपक्ष की राजनीति नकारात्मक है. आराजकता का माहौल बनाने का प्रयास किया जा रहा है. विपक्ष साजिश करने वालों के साथ खड़ा है. आगे उन्होंने कहा कि विपक्ष आम लोगों की आवाज दबाने की कोशिश कर रहा है. विपक्ष के मंसूबे दुर्भाग्यपूर्ण हैं.

आगे सीएम योगी ने कहा कि विपक्ष लोकतंत्र से खिलवाड़ कर रहा है. किसानों को मत-मजहब के नाम पर भड़काया गया. कांग्रेस पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि वह झूठ बोलकर भ्रम फैलाने का काम कर रही है जिसका करारा जवाब जनता देगी. विपक्ष को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए. यूपी के सीएम योगी ने कहा कि पैगासस मामले में मौजूदा खुलासा भारत के खिलाफ इंटरनेशनल साजिश है. ट्रंप के दौरे पहले दिल्ली दंगे कराए गए. यह भारत को अस्थिर करने की साजिश है.

मायावती ने जासूसी मामले की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच की मांग की : इधर बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने इजराइल के स्पाइवेयर ‘पेगासस’ के जरिए कथित जासूसी के मामले की गंभीरता को ध्यान में रखकर उसकी स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच कराये जाने की मांग की है. उन्होंने अपने ट्विटर वॉल पर लिखा कि जासूसी का गंदा खेल तथा ब्लैकमेल आदि कोई नई बात नहीं किन्तु काफी महंगे उपकरणों से निजता भंग करके मंत्रियों, विपक्षी नेताओं, अफसरों व पत्रकारों आदि की जासूसी करना अति-गंभीर व खतरनाक मामला…जिसका भंडाफोड़ हो जाने से यहां देश में भी खलबली व सनसनी फैली हुई है.

जासूसी मामले में अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार को घेरा : वहीं समाजवादी पार्टी (सपा) ने इजराइल के स्पाइवेयर पेगासस के जरिए कथित जासूसी करने के मामले में केंद्र सरकार को निशाना बनाते हुए कहा कि फोन टैप कराकर लोगों की व्यक्तिगत बातों को सुनना ‘निजता के अधिकार’ का घोर उल्लंघन है. अखिलेश यादव ने अपने ट्विटर वॉल पर लिखा कि फोन की जासूसी करवाकर लोगों की व्यक्तिगत बातों को सुनना ‘निजता के अधिकार’ का घोर उल्लंघन है. यदि ये काम भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) करवा रही है तो यह दंडनीय है और अगर भाजपा सरकार यह कहती है कि उसे इसकी जानकारी नहीं है तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में उसकी नाकामी है. फोन-जासूसी लोकतंत्र में एक अपराध है.

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क्या है मामला : यहां चर्चा कर दें कि मीडिया संस्थानों के एक अंतरराष्ट्रीय संगठन ने खुलासा किया है कि केवल सरकारी एजेंसियों को ही बेचे जाने वाले इजराइल के जासूसी साफ्टवेयर के जरिए भारत के दो केन्द्रीय मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं और एक न्यायाधीश सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और अधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर संभवत: हैक किए गए हैं.

रविशंकर प्रसाद बोले- आरोप शिष्टाचार से परे : पूर्व संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी कांग्रेस के आरोपों को निराधार बताया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का तो इतिहास ही जासूसी का रहा है. यह देश विरोधी एजेंडा चलाने वालों की साजिश है.

राहुल गांधी का भी नाम : आपको बता दें कि कांग्रेस ने सोमवार को दावा किया कि स्पाइवेयर पेगासस के जरिये जिन लोगों की जासूसी की गयी, उनमें उसके पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का भी नाम है. कांग्रेस ने इस मामले की जांच कराने और जांच से पहले गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग की है.

पेगासस जासूसी में इनके भी नाम होने का दावा : तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी, राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर, पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और प्रह्लाद सिंह पटेल, शीर्ष वैज्ञानिक गगनदीप कांग आदि.

Posted By : Amitabh Kumar

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