Agra News: आगरा, टीला माईथान में हुए हादसे के बाद लोगों को शेल्टर होम में विस्थापित कर दिया गया. वहीं प्रशासन अब उन्हें पथौली क्षेत्र में डूडा योजना के तहत आवास दिलाने की पेशकश कर रहा है. लेकिन पीड़ित लोग इसका विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि हम लोग शहर में रहते हैं और हमारे बच्चे घर के पास ही पढ़ते हैं.
वहीं हम लोगों का काम भी यही आसपास चलता है. ऐसे में इतनी दूर जाकर ना तो हम नौकरी ही कर पाएंगे और ना ही बच्चों को सही से पढ़ा पाएंगे. इसलिए प्रशासन से हमारी गुजारिश है कि हमें शास्त्रीपुरम योजना में मकान दिलाया जाए. ताकि हमें अपने काम पर जाने में परेशानी ना हो सके. जिसको लेकर लोगों ने आगरा के जिलाधिकारी को पत्र लिखा है.
मिली जानकारी के अनुसार 26 जनवरी की सुबह टीला माईथान क्षेत्र में 5 से 6 मकान जमींदोज हो गए थे. जिसकी वजह से 2 लोग घायल हुए थे और एक 4 साल की बच्ची की मौत हो गई थी. इसके बाद प्रशासन ने क्षेत्र के कई अन्य घरों को भी गिरासू घोषित किया था और वहां रहने वाले लोगों को जीवनी मंडी, गधा पाड़ा स्थित शेल्टर होम में विस्थापित कर दिया.
वहीं प्रशासन द्वारा अब इन लोगों को पठौली में डूडा योजना के अंतर्गत मकान दिखाए गए थे, और कहा गया था कि यहीं पर आपको मकान मिलेंगे. लेकिन पीड़ित लोगों का कहना है कि यहां के मकान सही स्थिति में नहीं है, तमाम सारी अव्यवस्थाएं भी हैं. साथ ही वह लोग टीला माई थान के आसपास ही नौकरी कर अपना पेट पालते हैं.
तमाम पुरुष और महिलाएं मजदूरी का कार्य करते हैं ऐसे में अगर वह शहर से इतनी दूर चले जाएंगे तो यहां रोजाना आप आना काफी मुश्किल होगा. वहीं बच्चों की पढ़ाई भी क्षेत्र में आसपास हो रही है. ऐसे में इतनी दूर से बच्चों को यहां कौन लेकर आएगा.
दुर्घटना में मुकेश शर्मा की 4 साल की पोती की मौत हो गई थी, उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा दिखाए गए मकान हमारे पुश्तैनी मकान से बहुत दूर हैं. हमसे कहा गया कि अगर यह मकान लेना है तो लो वरना इसके बाद कोई और मकान नहीं मिलेगा. मुकेश शर्मा ने बताया कि रोजाना वहां से शहर में आना काफी मुश्किल साबित होगा हमने प्रशासन से कहा है कि हमें शास्त्रीपुरम में मकान दिलवा दिए जाए.
टीला माईथान के रहने वाले प्रवीन शर्मा का घर भी दुर्घटना में जमींदोज हो गया था. ऐसे में वह भी इस समय अपने परिवार के साथ शेल्टर होम में रह रहे हैं. उनका कहना है कि प्रशासन उन्हें पथौली में मकान दे रहा है हमने जब वहां जाकर देखा तो कई चीजों की व्यवस्था नहीं है. जबकि वहां के क्षेत्रीय लोग भी जन सुविधाओं की शिकायत कर रहे हैं, ऐसे में हम वहां कैसे रह सकते हैं.
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उन्होंने बताया कि वह नुनीहाई स्थित एक कंपनी में नौकरी करते हैं अगर पथौली रहेंगे तो वहां से यहां तक आने का ₹200 प्रतिदिन का खर्चा होगा. ऐसे में उनकी पूरी तनख्वाह किराए में ही चली जाएगी. उन्होंने कहा कि हमारे ऊपर अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है लेकिन हमने प्रशासन से कहा है कि हमें शास्त्रीपुरम में मकान दिला दीजिए हम वहां रह सकते हैं.