Agra News: आगरा के लाल विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान आज से 1 साल पहले 8 दिसंबर 2021 में तमिलनाडु के कुन्नूर क्षेत्र में हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद हो गए थे. उनके साथ सीडीएस बिपिन रावत उनकी पत्नी और 11 अन्य लोग शहीद हुए थे. विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान का पार्थिव शरीर आगरा में आने के बाद उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई. जिसमें हजारों की संख्या में लोग और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे.
वहीं, घटना के एक-दो दिन बाद उनके घर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी संवेदना जताने पहुंचे थे. जिन्होंने परिवार की आर्थिक मदद भी की थी, लेकिन वहीं पृथ्वी सिंह चौहान के परिजनों का आरोप है कि 1 साल पहले जनप्रतिनिधियों द्वारा कई घोषणाएं की गई थी, लेकिन उन घोषणाओं में से अधिकतर पूरी नहीं हुई हैं. उनके बेटे की शहादत के नाम पर सिर्फ उनकी कॉलोनी सरन नगर का नाम बदलकर विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान नगर कर दिया गया है, और आगरा के महापौर द्वारा नाम पट्टीका लगा दी गई है. शहीद पृथ्वी सिंह की मां अपने बेटे को याद कर भावुक हो जाती है और रोने लगती हैं.
आज से 1 साल पहले 8 दिसंबर 2021 को तमिलनाडु के कुन्नूर इलाके के पास सीडीएस बिपिन रावत का हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हो गया था. हेलीकॉप्टर में सीडीएस बिपिन रावत समेत 14 लोग मौजूद थे. घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय सैन्य अधिकारी मौके पर पहुंच गए. इस हादसे में सीडीएस विपिन रावत और उनकी पत्नी के साथ मौजूद अन्य 12 लोग शहीद हो गए थे. आगरा के विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान जो हादसे के वक्त उस हेलीकॉप्टर को उड़ा रहे थे, वह भी इस हादसे में शहीद हो गए. उनके शहीद होने की सूचना जैसे ही उनके घर वालों को मिली सभी घरवाले पूरी तरह से टूट गए. घर में मौजूद उनके माता-पिता, उनकी पत्नी और दो बच्चे कुछ समझ ही नहीं पाए कि आखिर क्या हुआ है.
शहीद पृथ्वी सिंह चौहान का पार्थिव शरीर शनिवार 11 दिसंबर को आगरा स्थित उनके आवास पर अंत्येष्टि के लिए लाया गया. घर से अंतिम यात्रा निकाली गई. जिसमें हजारों की संख्या में आगरा के लोग और तमाम जनप्रतिनिधि मौजूद रहे. सभी ने उस समय परिवार को सांत्वना दी और सरकार की तरफ से हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया.
आज पृथ्वी सिंह चौहान की शहादत को 1 साल बीत चुका है. आज के ही दिन वे शहीद हुए थे. बेटे को याद करते करते उनकी मां अचानक से रो पड़ती हैं. पृथ्वी सिंह चौहान की मां कहती है कि जब भी दरवाजे पर कोई आहट होती है तो मुझे लगता है कि मेरा बेटा आ गया लेकिन अगले ही पल याद आता है कि उनका बेटा अब उनसे बहुत दूर चला गया जहां से कोई लौटकर नहीं आता. उनकी आंखों से आंसू छलकने लगते हैं.
शहीद विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान की मां अपना दर्द बयां करते हुए कहती हैं कि, जिस दिन मेरा बेटा शहीद हुआ था. उस दिन बहुत से लोग यहां आए थे. क्षेत्रीय विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने श्मशान घाट पर अंत्येष्टि के दौरान वादा किया था कि उनके बेटे के नाम पर इस स्थल का नाम रखा जाएगा. भगवान टॉकीज चौराहे को भी उनके बेटे के नाम पर किया जाएगा और यहां एक स्मारक द्वार भी बनाया जाएगा. पृथ्वी की मां का कहना है कि अभी तक विधायक द्वारा किया गया कोई भी वादा पूरा नहीं हुआ. साल भर बीत चुका है लेकिन कोई जनप्रतिनिधि अंत्येष्टि के बाद से यहां बात करने भी नहीं आया. आगरा के जनप्रतिनिधियों ने और प्रशासन ने उनके बेटे की शहादत को भुला दिया है.
हालांकि, उनका कहना है कि उनके बेटे के शहीद होने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनके घर पर आए थे, जिन्होंने उनकी आर्थिक मदद भी की थी, और आगरा के महापौर द्वारा भी घोषणा की गई थी कि उनकी कॉलोनी सरन नगर का नाम विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान के नाम पर किया जाएगा. जिसके तहत कॉलोनी का नाम बदल दिया गया और कॉलोनी के मुख्य दरवाजे पर उनके बेटे के नाम की पट्टिका भी लगाई गई है.
रिपोर्ट- राघवेन्द्र गहलोत, आगरा