Agra News: डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय ने 201 कॉलेजों को दी गई स्थाई संबद्धता को निरस्त करने के फैसले पर मुहर लगा दी है. साथ ही कॉलेजों को दी जाने वाली स्थायी संबद्धता के नियमों को सख्त करने का फैसला लिया है. कार्य परिषद की ओर से लिया गया यह फैसला एसटीएफ की जांच के चलते लेना माना जा रहा है. विश्वविद्यालय सभागार में हुई कार्य परिषद की बैठक में और भी कई अहम फैसले लिए गए हैं.
गुरुवार को विश्वविद्यालय कार्यपरिषद की खंदारी परिसर में स्थित गेस्ट हाउस में बैठक हुई. इस बैठक में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर आशु रानी के नेतृत्व में पिछली बैठकों के मिनट्स को संपुष्टि के लिए रखा गया, लेकिन कार्य परिषद के सदस्यों ने इस पर आपत्ति जताई. वहीं बैठक में लिए जाने वाले कई निर्णय पर कार्य परिषद के सदस्यों ने एसटीएफ की जांच का हवाला देते हुए सहमति देने से मना कर दिया. इसके साथ ही विश्वविद्यालय द्वारा 201 कॉलेजों को दी गई स्थायी संबद्धता को एसटीएफ की जांच में शामिल होने का हवाला देते हुए स्थगित कर दिया गया है.
बता दें, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से संबंधित करीब 201 कॉलेज को पूर्व कुलपतियों द्वारा स्थाई संबद्धता दी गई थी, जिसे कार्यपरिषद की बैठक में निरस्त कर दिया गया. साथ ही निर्देश दिए गए कि अब जो भी स्थाई संबद्धता के लिए प्रकरण प्रस्तुत किया जाएगा. उसका उसका नए निरीक्षण मंडल के माध्यम से निरीक्षण कराया जाएगा. साथ ही कॉलेज की वीडियो रिकॉर्डिंग भी कराई जाएगी, और अब किसी भी कॉलेज को सिर्फ शपथ पत्र के आधार पर स्थायी संबद्धता नहीं दी जाएगी.
कार्यपरिषद में निर्णय लिया गया कि कॉलेजों के लिए शिक्षक चयन में साक्षात्कार की प्रक्रिया भी बदली जाएगी. साक्षात्कार में कम से कम 3 अभ्यर्थियों की उपस्थिति अनिवार्य होगी. वहीं इसके लिए जिस पैनल का चयन किया जाएगा उस शिक्षक पैनल की समय अवधि 6 महीने के लिए निर्धारित की गई है.
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से जुड़े 201 कॉलेजों की स्थायी संबद्धता निरस्त करने से उनमें पढ़ने वाले हजारों बच्चों के भविष्य पर संकट मंडराता दिख रहा है. कॉलेजों की स्थायी संबद्धता निरस्त किए जाने से बच्चों का भविष्य बर्बाद हो जाएगा.
खंदारी कैंपस के गेस्ट हाउस में हुई कार्यपरिषद की बैठक में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की कुलपति प्रोफ़ेसर अंशु रानी के साथ प्रति कुलपति प्रोफेसर अजय तनेजा, डॉक्टर रोशनलाल, डॉक्टर जगदीश प्रसाद शर्मा, प्रोफेसर प्रदीप श्रीधर, प्रोफेसर बी पी सिंह, प्रोफेसर पीके सिंह, प्रो अचला, प्रोफेसर गौतम जैसवाल, प्रोफेसर यशपाल सिंह, प्रोफेसर एसपी सिंह, कुलसचिव डॉ विनोद कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक डॉ ओमप्रकाश, वित्त अधिकारी सत्येंद्र कुमार प्रमुख रूप से मौजूद रहे.
रिपोर्ट- राघवेन्द्र गहलोत, आगरा