यूपी के मदरसों को यूपी बोर्ड और यूजीसी में शामि‍ल करने की याच‍िका, इलाहाबाद हाइकोर्ट में लगाई गुहार

इस मांग के पीछे याचिका में कारण बताया गया है क‍ि मदरसों की धार्मिक शिक्षा के चलते कट्टरता बढ़ती है. इस पर रोक लगाने की आवश्‍यकता है. इसीलिए यह मांग उठाई जा रही है. इस जनहित याचिका के अनुसार, धार्मिक शिक्षा के साथ दूसरे विषयों की शिक्षा देने पर कट्टरता पर रोक लगेगी.

By Prabhat Khabar News Desk | May 6, 2022 1:30 PM

Allahabad High Court News: उत्‍तर प्रदेश में मदरसों को यूपी बोर्ड और यूजीसी में शामिल करने की अपील इलाहाबाद हाइकोर्ट में याचिका दाखिल कर की गई है. इस याचिका में कोर्ट से मांग की गई है कि सभी मदरसों को यूजीसी और यूपी बोर्ड में मर्ज कर दिया जाए.

याचिका में कही गई खास बातें…

इस मांग के पीछे याचिका में कारण बताया गया है क‍ि मदरसों की धार्मिक शिक्षा के चलते कट्टरता बढ़ती है. इस पर रोक लगाने की आवश्‍यकता है. इसीलिए यह मांग उठाई जा रही है. इस जनहित याचिका के अनुसार, धार्मिक शिक्षा के साथ दूसरे विषयों की शिक्षा देने पर कट्टरता पर रोक लगेगी. याचिका में कहा गया है कि मदरसों में दी जाने वाली धार्मिक शिक्षा से कट्टरता बढ़ी है. धार्मिक शिक्षा के अलावा दूसरी शिक्षा नहीं देने के चलते यह कट्टरता बढ़ रही है. याचिकाकर्ता का कहना है क‍ि मदरसों की धार्मिक शिक्षा से भविष्य में समाज को बड़ा खतरा होने की आशंका है. धार्मिक शिक्षा प्रणाली बुरी मानसिकता को जन्म देती है. याचिका में कोर्ट से अपील की गई है क‍ि लिखा गया है कि अलग शिक्षा प्रणाली समाज के लिए भी बेहद खतरनाक है. मदरसों के छात्रों के स्वभाव और व्यवहार को आम छात्रों के व्यवहार से अलग बताया गया है. यह भी कहा गया है कि देश के सभी ज्वलंत मामलों की वजह मदरसे हैं.

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पहले भी मदरसों पर उठ चुके हैं सवाल

दरअसल, उत्‍तर प्रदेश सह‍ित अन्‍य राज्‍यों में भी मदरसों में पढ़ाई जाने वाले विषयों को लेकर आए दिन सवाल उठते रहते हैं. यहां तक की कई शिक्षाविद भी कहते आ रहे हैं क‍ि मदरसों में पढ़ाए जाने वाले विषयों से छात्रों को आज की जरूरत को देखते हुए शिक्षा नहीं म‍िल पाती है. ऐसे में उन्‍हें आज के समय के मुताबिक, पढ़ाया जाना जरूरी है. हालांक‍ि, कोर्ट इस मसले पर अपनी क्‍या राय देगा, यह देखना लाजिमि होगा.

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