Lucknow News: केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उसके 8 सहयोगी संगठनों पर देश में 5 साल के लिए प्रतिबंध (Ban) लगा दिया है. इस बैन के बाद से विपक्षी दल आरएसएस (RSS) पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं. इस क्रम में अब बीएसपी (BSP) सुप्रीमो मायावती ने भी पीएफआई पर बैन लगाने को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है.
उत्तर प्रदेश की पूर्व सीएम ने ट्वीट कर लिखा, ‘केन्द्र द्वारा पीपुल्स फ्रण्ट आफ इण्डिया (पीएफआई) पर देश भर में कई प्रकार से टारगेट करके अन्ततः अब विधानसभा चुनावों से पहले उसे उसके आठ सहयोगी संगठनों के साथ प्रतिबन्ध लगा दिया है, उसे राजनीतिक स्वार्थ व संघ तुष्टीकरण की नीति मानकर यहां लोगों में संतोष कम व बेचैनी ज्यादा है.’
1. केन्द्र द्वारा पीपुल्स फ्रण्ट आफ इण्डिया (पीएफआई) पर देश भर में कई प्रकार से टारगेट करके अन्ततः अब विधानसभा चुनावों से पहले उसे उसके आठ सहयोगी संगठनों के साथ प्रतिबन्ध लगा दिया है, उसे राजनीतिक स्वार्थ व संघ तुष्टीकरण की नीति मानकर यहाँ लोगों में संतोष कम व बेचैनी ज्यादा है।
— Mayawati (@Mayawati) September 30, 2022
उन्होंने आगे कहा कि, ‘यही कारण है कि विपक्षी पार्टियां सरकार की नीयत में खोट मानकर इस मुद्दे पर भी आक्रोशित व हमलावर हैं और आरएसएस पर भी बैन लगाने की मांग खुलेआम हो रही है कि अगर पीएफआई देश की आन्तरिक सुरक्षा के लिए खतरा है तो उस जैसी अन्य संगठनों पर भी बैन क्यों नहीं लगना चाहिए?
दरअसल, पीएफआई पर बैन के बाद आरएसएस पर बैन की मांग उस वक्त चर्चा में आ गई, जब राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को बैन करने की मांग कर डाली. उन्होंने कहा कि, ‘आरएसएस को बैन पहले भी किया गया था और इस तरह के जितने भी संगठन हैं सबको बैन करिए और जांच करिए. कुछ मिले तो कार्रवाई करिए. सबसे पहले आरएसएस पर बैन करिए. ये उससे भी बदतर संगठन है, जो हिंदुत्व का कट्टरपंथ आगे बढ़ाता है.’
Also Read: UP News: PFI पर बैन के बाद यूपी में जुमे की नमाज को लेकर अलर्ट, हर गतिविधि पर रहेगी पुलिस की पैनी नजरइधर, केंद्र के इस फैसले के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि किसी भी ऐसे देशविरोधी संगठन पर बैन लगाना देशहित में है. केंद्र का यह फैसला स्वागत योग्य है. उन्होंने कहा, ‘यह ‘नया भारत’ है, यहां आतंकी, आपराधिक और राष्ट्र की एकता व अखंडता तथा सुरक्षा के लिए खतरा बने संगठन एवं व्यक्ति स्वीकार्य नहीं.’