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बलिया में फर्जी बैनामा प्रकरण मामले में एसपी ने कोतवाल को फोन कर फटकारा, यहां जानिए क्या है पूरा मामला…

Ballia. उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में दिन पर दिन फर्जी तरीके से जमीन रजिस्ट्री कराकर हड़पने का मामला तुल पकड़ता जा रहा है. इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर लगातार पीड़ित पक्ष डीएम, एसपी और एडीजी से मिल रहे है. वहीं, कभी डीएम तो कभी एसपी पीड़ितों को कार्रवाई करने का भरोसा भी दे रहे है,

बलिया: उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में दिन पर दिन फर्जी तरीके से जमीन रजिस्ट्री कराकर हड़पने का मामला तुल पकड़ता जा रहा है. इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर लगातार पीड़ित पक्ष डीएम, एसपी और एडीजी से मिल रहे है. वहीं, कभी डीएम तो कभी एसपी पीड़ितों को कार्रवाई करने का भरोसा भी दे रहे है, इसके बाद भी इन आरोपियों की गिरफ्तारी करने में कोतवाली पुलिस सुस्त पड़ रही है. इसी तरह एक एयर फोर्स से रिटायर लाल बहादूर यादव 20 अक्टूबर दिन मंगलवार की दोपहर एसपी से मिलकर पूरी घटना की जानकारी दी, इसके बाद पीड़िता की शिकायत सुनकर एसपी ने कोतवाल को फोन पर फटकार लगाया और जल्द से जल्द एफआईआर संख्या 412/19 मामले में कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

उत्तर प्रदेश में अभियान चलाने के लिए भले ही सूबे की योगी सरकार ने एंटी भू-माफिया सेल का गठन कर यह बता दिया कि अब जमीन पर कब्जा करने वालों की खैर नहीं हैं. इसके बाद भी भू माफियाओं की गिरफ्तारी के लिए पीड़ितों को दर-दर भटकना पड़ रहा है. भू-माफियाओं की गिरफ्तारी की मांग को लेकर दो दिन पहले दुर्जनपुर मामले की जांच करने आए एडीजी से डाक बंगले में मिलकर शिकायत किया कि किस तरह कोतवाल और इस मामले के विवेचक आरोपियों को बचा रहे है.

जानें क्या है मामला

इस मामले का खुलासा संयुक्त मजिस्ट्रेट विपिन जैन की तीन सदस्यीय टीम ने किया है. जिसके बाद राजिस्ट्री आफिस के अधिकारी से लेकर बाबू और भू माफियाओं के खिलाफ शहर कोतवाली में मामला दर्ज कराया गया था. जिसमे कई लोगों की मौत भी हो चुकी है. इस प्रकरण में अब किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी पुलिस ने नहीं किया है. जबकि ऐसे मामलों में पुलिस को सक्रियता दिखाना चाहिए. जबकि भू माफियाओं ने एक नहीं बल्कि कई जमीनों में ऐसा किया है कि वास्तविक पक्षकार न होने के बाद भी उस जमीन को अपने ही सगे संबंधियों में औने-पौने दाम लेकर खरीद बिक्री कर दिया गया है. यह खेल करीब 38 सालों से चल रहा था. कई मामले इस तरह के प्रकाश में आने के बाद तत्कालीन डीएम भवानी सिंह खंगरौत ने इस मामले में जांच बैठा दी.

आईएएस विपिन जैन की टीम ने जांच कर किया था खुलासा

राजिस्ट्री आफिस में फर्जी बैनामा कराने एवं उसकी फर्जी नकल जारी करने और दस्तावेज में हेराफेरी करने की शिकायत की जांच करने वाली विपिन जैन की तीन सदस्यीय टीम की रिपोर्ट के आधार पर कुल सात बैनामों की विस्तृत जांच में प्रथम दृष्टया सभी बैनामे फर्जी पाये गये. चूंकि 2018 में पहली बार ऐसे बैनामे प्रकाश में आए हैंलिहाजा जांच समिति ने इस फर्जीवाड़े से जुड़े व्यक्तियों एवं सरकारी कर्मचारियों के विरूद्ध अपराधिक मुकदमा दर्ज कराने की संस्तुति तत्कालीन डीएम भवानी सिंह खंगारौत से की थी.

इस मामले में समस्त दस्तावेज को जिला निबंधक एवं उपनिबंधक सदर के माध्यम से सील करके कोषागार के डबल लाक में रखवा दिया गया. साथ ही यह आदेश भी दिया गया कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अपराधी तत्वों मूल मालिक और कब्जेदारों के कब्जे में दखल ना पैदा किया जाय. डीएम ने तत्काल इस मामले में एंटी भू माफिया कानून के तहत कार्रवाई करने का फरमान भी जारी कर दिया. इस प्रकरण में उपनिबंधक लक्ष्मण चौबे की तहरीर पर करीब 30 लोगों के खिलाफ नामजद तहरीर दर्ज की गई.

जबकि एक तरफ से उपनिबंधक लक्ष्मण चौबे सहित कई अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया. इस मामले में कोतवाली पुलिस की ओर विवेचना इंस्पेक्टर को मिला. जिसमें उन्होंने सिर्फ एक हासिये के गवाह की ही गिरफ्तारी कर सके. जबकि बाकी के रसूखदार लोगों की अब तक गिरफ्तारी नहीं की गई. ऐसे में प्रदेश सरकार का एंटी भू माफिया अब तक धूल फांकता ही रहा हैं. अक्ष मामले की जांच कोतवाली पुलिस को दी गई है लेकिन जांच में अब तक किसी आरोपी के खिलाफ साक्ष्य के आधार पर पुलिस ने किसी आरोपी की गिरफ्तारी तक नहीं किया.

News Posted by: Radheshyam kushwaha

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