PM Kisan Yojana: देश में बढ़ती महंगाई के बीच उत्तर प्रदेश के किसानों लिए केंद्र की पीएम किसान सम्मान निधि योजना काफी मददगार साबित हो रही है. इस योजना के तहत सरकार 1 साल में 3 किस्त के जरिए किसानों के खाते में 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता भेजती है, लेकिन चिंता की बात ये है कि यूपी में पीएम किसान के लाभार्थियों की संख्या लगातार घटती जा रही है, और इसका कारण भी खुद किसान ही हैं. यूपी में करीब 33 लाख किसानों का ई-केवाईसी अपडेट नहीं है.
दरअसल, उत्तर प्रदेश के किसानों की जरा सी भूल के कारण 33 लाख लाभार्थी आर्थिक लाभ से वंचित हो गए हैं. ऐसा इसलिए हुआ है, क्योंकि किसानों ने बैंक खाते में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर को बदल दिया है, जिसके कारण ई-केवाईसी और आधार लिंक (link) नहीं हो सके. हालांकि, कृषि विभाग के अधिकारी ग्रामीण इलाकों में जगह-जगह पहुंच रहे हैं, जहां वे शिविर लगाकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, आर्थिक लाभ से वंचित किसानों की सबसे अधिक संख्या गोरखपुर और बस्ती मंडल से है. गोरखपुर और बस्ती में करीब सात लाख किसान निधि से वंचित हैं, जबकि लखीमपुर खीरी और प्रयागराज में करीब दो-दो लाख से अधिक किसान राशि से वंचित हैं. इस बीच केंद्र सरकार किसानों को फरवरी में 13वीं किस्त के पैसे ट्रांसफर कर सकती है. अगर आप चाहते हैं कि किस्त के पैसे बिना किसी रुकावट के खाते में आ जाएं, तो इसके लिए अपना e-KYC जल्द से जल्द कंप्लीट करा लें.
इस संबंध में अधिकारियों का कहना है कि, आधार कार्ड से जो फोन नंबर लिंक किए गये उनमें से लाखों नंबर बदले जा चुके हैं. यही कारण है कि अब आधार नंबर डालने पर ओटीपी (OTP) प्राप्त नहीं हो रहा है, जिसके चलते ई-केवाईसी नहीं हो पा रहा है. ऐसे में किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपने नजदीकी जनसेवा केंद्र पर जाएं. जहां संबंधित जानकारी दर्ज किए जाने के बाद आसानी से ओटीपी प्राप्त किया जा सकेगा.ओटीपी दर्ज होते ही ई-केवाईसी का कार्य पूरा हो जाएगा. अगली किस्त उन्हीं किसानों के खाते में ट्रांसफर की जाएगी, जिनका ई-केवाईसी कंप्लीट होगा. साथ ही भूमि रिकॉर्ड वेरिफाई होगा, और बैंक खाता आधार से लिंक होगा.