Exclusive: अयोध्या में कैसा होगा श्रीराम का मंदिर, पीएम मोदी ने देखा मॉडल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच अक्टूबर को आएंगे और ‘आजादी का अमृत महोत्सव' कार्यक्रम के तहत यहां इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में 'न्यू अर्बन इंडिया' थीम पर आयोजित तीन दिवसीय समारोह का उद्घाटन करेंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 5, 2021 2:18 PM
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प्रधानमंत्री का अयोध्या प्रेम किसी से छिपा नहीं है और ऐसे में उत्तर प्रदेश के किसी भी कार्यक्रम में वे अयोध्या को अपने साथ जोड़ने से पीछे नहीं हटते हैं. इसी कड़ी में पीएम मोदी ने लखनऊ दौरे में बदलते नगरीय परिवेश थीम पर आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन किया. कार्यक्रम में बने उत्तर प्रदेश पवेलियन का मुख्य आकर्षण है अयोध्या पर आधारित स्टाल. स्टाल में प्रधानमंत्री को अयोध्या के मॉडल के साथ अयोध्या का मास्टर प्लान भी दिखाया गया. पवेलियन के केंद्र में अयोध्या को प्रदर्शित करते हुए भव्य मॉडल है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लखनऊ में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ कार्यक्रम में हिस्सा लिया. उन्होंने ‘न्यू अर्बन इंडिया’ थीम पर आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन भी किया. कार्यक्रम के दौरान लगने वाली प्रदर्शनी के लिए दो हैंगर बनाए गये हैं. एक हैंगर केंद्र और दूसरा राज्य सरकार का है. केंद्र सरकार के हैंगर में देश के अन्य राज्यों और प्रदेश के हैंगर में केवल उत्तर प्रदेश से जुड़ी हुई प्रदर्शनी लगी है.

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यह आयोजन मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश में हुए उल्लेखनीय परिवर्तनों पर आधारित है और सभी राज्य-केंद्रशासित प्रदेश इस सम्मेलन-सह-एक्सपो में भाग ले रहे हैं. जिससे उन्हें आगे की योजनाओं के लिए अनुभव साझा करने तथा प्रतिबद्धता और दिशा तय करने में मदद मिलेगी. आम लोगों के लिए सम्मेलन-सह-एक्सपो दो दिनों क्रमश: छह से सात अक्टूबर तक खुला है.

क्या ख़ास है अयोध्या स्टाल में: लगभग 25 फीट लंबे और 25 फीट चौड़े इस स्टाल को उत्तर प्रदेश पवेलियन के बीच में बनाया गया है. इस स्टाल में विभिन्न मॉडलों एवं डैशबोर्ड के जरिये प्रधानमंत्री अयोध्या में चल रहे विभिन्न विकास कार्यों का अवलोकन किया. मुख्य योजनाओं के मॉडलों की सूचि में प्रमुख रूप से सीता लेक, रामजन्मभूमि मंदिर, सरयू तट क्षेत्र, मल्टीलेवल कार पार्किंग, पर्यटन सुविधा केंद्र, 33 एमएलडी का प्रस्तावित एसटीपी, नवीन रेलवे स्टेशन , जीएफटी, स्पाइन रोड, समदा झील समेत प्रस्तावित हवाई अड्डे के मॉडल शामिल किये गये हैं. इसके अलावा डैशबोर्ड से अयोध्या का प्रस्तावित मानचित्र भी प्रधानमंत्री के अवलोकन के लिए रखा गया. मानचित्र में विस्तृत अयोध्या नगरी समेत स्मार्ट सिटी एवं अन्य परियोजनाओं का भी विवरण शामिल किया गया.

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उत्कृष्ट है स्टाल का डिजाइन: आवासन एवं शहरी विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संयोजित स्टाल में राम मंदिर जैसे गुलाबी पत्थरों का स्वरुप बनाया गया है. स्टाल के बीच में मॉडल रखे गए हैं. उक्त स्टाल की परिकल्पना एवं निर्माण में मुख्य रूप से अयोध्या विकास प्राधिकरण, पर्यटन विभाग, उत्तर प्रदेश जल निगम एवं नगर विकास विभाग की सहभागिता है. मॉडल में नवीन अयोध्या नगरी की छह प्रमुख सड़कों का चौड़ीकरण, राम मंदिर की ओर जाने वाली सड़क और तीर्थयात्रियों के अनुकूल परिक्रमा मार्ग बनाये गये हैं.

नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने बताया कि प्रधानमंत्री ने ‘न्यू अर्बन इंडिया’ थीम पर आधारित कार्यक्रम का पांच अक्टूबर को उद्घाटन किया. तीन दिन (5 अक्टूबर से 7 अक्टूबर) तक चलने वालेतक चलने वाले इस कार्यक्रम में देशभर के सभी राज्यों के नगर विकास मंत्रियों और प्रमुख अधिकारियों को आमंत्रित किया गया है. कई राज्यों के मंत्रियों व अधिकारियों के आने की सहमति भी आ चुकी है.

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‘अयोध्या हम सबके लिये आस्था और गौरव का विषय है और राम मंदिर निर्माण के प्रति हमारे प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री काफी गंभीर हैं. ऐसे में अयोध्या में चल रही विकास योजनाओं का अवलोकन उनके साथ यहां आने वाले अन्य सभी लोगों को करवाना हमारा परम कर्त्तव्य है.’

अयोध्या ही है केंद्र बिंदु: प्रधानमंत्री के आगमन में अयोध्या की प्राथमिकता को अमली जामा पिछले कुछ महीने पहले ही पहनाया जा चुका था जब अधिकारियों को इस बात के निर्देश मिले थे कि प्रधानमंत्री अयोध्या में चल रही विकास योजनाओं का अवलोकन एवं समीक्षा इस कार्यक्रम के माध्यम से कर सकते हैं. स्टॉल के माध्यम से अयोध्या का भविष्य का थ्रीडी मॉडल के साथ अयोध्या को वैश्विक रूप से पर्यटन एवं धार्मिक रूप की नगरी में 2047 तक बनाये जाने के उद्देश्य सारगर्भित है. मॉडल में प्रधानमंत्री के हाथों शिलान्यास किया गया प्रस्तावित राम मंदिर मुख्य आकर्षण है.

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इसके अलावा अयोध्या के नया घाट इलाके में पर्यटन विभाग द्वारा विकसित किया गया 30 एकड़ के भूभाग में स्थित राम कथा पार्क परिसर भी शामिल है. राम कथा संग्रहालय, यात्री निवास, मुक्ताकाशीय मंच, रानी ह्यू पार्क के अतिरिक्त एक डिजिटल संग्रहालय के मॉडल भी बनाये गए हैं. एक अन्य मॉडल के माध्यम से प्रस्तावित ग्रीनफील्ड टाउनशिप परियोजना, जिसमें पर्यटक एवं दर्शनार्थियों के लिये दी जा रही सुविधाओं का विवरण दिया गया है.

नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने बताया कि “ग्रीनफील्ड टाऊनशिप योजना वैदिक काल के नगर नियोजन सिद्धांतों पर आधारित है, जहां मुख्य नगर दिशाओं में उन्मुख है. टाउनशिप में अत्याधुनिक परिवहन व्यवस्था और स्वच्छ ऊर्जा भी होगी. ग्रीनफील्ड टाउनशिप का लेआउट मर्यादा पुरुषोत्तम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, मौजूदा बाईपास और रेलवे स्टेशन के साथ एकीकृत किया जाएगा. इसमें सरयू नदी के किनारे सैरगाह भी होगी जो घाटों के साथ एकीकृत होगी. सभी भवनों को ग्रीन बिल्डिंग रेटिंग सिस्टम ‘गृह’ (GRIHA) के माध्यम से प्रमाणित किया जाएगा. हमारी योजना है कि अपशिष्ट जल पुनर्चक्रण के साथ एक स्वच्छ टाउनशिप बने.

“हमें उम्मीद है कि 2047 तक अयोध्या में सालाना 10 करोड़ से अधिक आगंतुक आएंगे. इसके लिए केंद्र में मोदी सरकार और यूपी में योगी सरकार कई बुनियादी ढांचे और अन्य विकास परियोजनाओं को विकसित करने की प्रक्रिया में है. अनुमानित 10 करोड़ वार्षिक आगंतुकों के अलावा, अयोध्या विकास प्राधिकरण क्षेत्र के 25 लाख निवासियों की सुविधाओं का ध्यान रखते हुए योजनाएँ बनाई जा रही हैं.“

इसके अतिरिक्त नवंबर में अयोध्या में इनवेस्टर्स समिट आयोजित करने की योजना है. सरकार पहले ही अयोध्या रेलवे स्टेशन के 100 करोड़ रुपये के आधुनिकीकरण की योजना को मंजूरी दे चुकी है. ने बताया कि पूरे मंदिर शहर में प्रवेश द्वारों पर विशाल द्वार बनाने की योजना आकार ले चुकी है . अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने बताया कि “अयोध्या में चल रही महत्वपूर्ण विकास योजनाओं के सन्दर्भ में प्रधानमंत्री कार्यालय एवं मुख्यमंत्री कार्यालय से लगातार हमें दिशा निर्देश प्राप्त होते रहते हैं. इसी उद्देश्य से इस स्टाल में अयोध्या नगर एवं वृहद् अयोध्या जनपद में चल रहे सभी विकास कार्यों के अलावा नवीन विस्तृत अयोध्या नगरी के नये आकार एवं स्वरुप को इस मॉडल के माध्यम से दिखने की कोशिश की गयी है.”

Reported by: Utpal Pathak

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