बुंदेलखंड की प्यासी धरती पर परियोजनाओं की राहत पहुंचाई PM नरेंद्र मोदी ने, दी करोड़ों की सौगात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनपद महोबा, हमीरपुर, बांदा व ललितपुर में करीब 3,240 करोड़ रुपये की अर्जुन सहायक परियोजना, भावनी बांध परियोजना, रतौली बांध परियोजना, मसगांव-चिल्ली स्प्रिंकलर परियोजना का लोकार्पण किया.

By Prabhat Khabar News Desk | November 19, 2021 3:27 PM
an image

PM Modi In Bundelkhand : उत्तर प्रदेश में साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को बुंदेलखंड पहुंचे. वहां उन्होंने करोड़ों की परियोजनाओं की घोषणा की है. उनका मुख्य ध्येय जलसंकट से जूझने वाले बुंदेलखंड में जय परियोजनाओं की सौगात देना है.

महोबा पहुंचे पीएम मोदी ने कहा कि इस परियोजना से 168 गांवों की जनता को लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए गर्व की बात है कि इन परियोजनाओं से चार लाख लोगों की प्यास बुझ जाएगी. वीरभूमि पर आने का एक अलग ही आनंद होता है. आल्हा-उदल की धरती पर आना मेरा सौभाग्य है. उन्होंने कहा कि तीन हजार करोड़ से अधिक लागत की इन परियोजनाओं से लाखों लोगों को लाभ होगा. इस बीच बड़ी जनसभा ने पीएम मोदी का तालियों से उत्साह बढ़ाया.

Also Read: 19 विधानसभा सीट पर बुंदेलियों ने खिलाया था ‘कमल’, क्या आज PM मोदी की सौगातों से बुझेगी बुंदेलखंड की प्यास?

उन्होंने कहा कि महोबा में ही करीब चार साल पहले मैंने मुस्लिम बहनों से वादा किया था कि उन्हें तीन तलाक से आजादी दिलाऊंगा. उनके इतना कहते ही तालियों से गड़गड़ाहट से जनसभा गूंज उठा. इसके बाद उन्होंने कहा कि यहां के लोगों ने भगवान श्रीराम को भी वनवास के समय काफी मदद की थी. यहां की प्राकृतिक संपदा ने उन्हें राहत दी थी. मगर समय के साथ इस पावन धरती पर माफियाओं का कब्जा करवाते चले गए.

बुंदेलखंड मिशन पर पहुंचे पीएम मोदी ने कहा कि पिछली सरकारों ने यहां के लोगों का विकास करने के बजाय सिर्फ अपने परिवारों का ही भला किया. उन्होंने कहा कि अर्जुन सहायक जैसी परियोजनाओं को तत्कालीन सरकार से कई बार चर्चा की गई. मगर उन्हें इसमें कोई दिलचस्पी नहीं थी. उन्होंने कहा कि वे बुंदेलखंड के विकास को लेकर कुछ नहीं करना चाहते थे. उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड की जनता ने यहां की जनता को लूटने वाली सरकार को देखा है. अब वह पहली बार यहां का विकास करने वाली सरकार को देख रही है.

उन्होंने गुजरात के कच्छ से तुलना करते हुए बुदेलखंड की जनता से कहा, ‘एक समय था जब कच्छ की जनता वहां से पलायन करती रहती थी. जब मुझे वहां काम करने का अवसर मिला तो मैंने वहां विकास कार्य किया. देखते ही देखते पलायन बंद हो गया. मुझे पूरा विश्वास है कि हम यहां की सूरत भी बदल देंगे.’

Exit mobile version