वाराणसी में शिक्षा समागम में PM मोदी ने कहा- आज की जरूरतों को देख शिक्षा पद्धति में करना है परिवर्तन
वाराणसी में पीएम नरेंद्र मोदी ने शिक्षा के समागम कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा कि हमें इस बात का हमेशा ध्यान देना होगा कि आज की जरूरतों को देखते हुये, बच्चों की प्रतिभा और च्वाइस के आधार पर उन्हें शिक्षित करने की आवश्यकता है.
PM Narendra Modi Shiksha Samagam: शिक्षा समागम कार्यक्रम में पहुंचे शिक्षाविदों से पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘मैं काशी का सांसद हूं, आप मेरी काशी में पधारे हैं. यदि आपको कोई भी असुविधा होती है तो मैं उसके जिम्मेदार होऊंगा.’ उन्होंने कहा, सर्वविद्या का प्रमुख केंद्र काशी है. इसीलिये यहां होने वाला शिक्षा पर मंथन देश को एक नई दिशा देगा.
‘यह अंग्रेजों की बनाई शिक्षा पद्धति है’
उन्होंने कहा कि अगले तीन दिनों तक यहां पर जो चर्चा होगी वह राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मजबूत करेगी. इस कार्यक्रम का उद्देश्य बताते हुये उन्होंने कहा कि इसका लक्ष्य है शिक्षा को 2021 के अनुरूप बनाना. हमारी पुरानी शिक्षा नीति को कुछ ऐसा बना दिया गया है जिसमें सफलता का अर्थ सिर्फ नौकरी पाना ही रह गया था. यह अंग्रेजों की बनाई शिक्षा पद्धति है. इसमें अब आधुनिक प्रयोग करने की आवश्यकता है. वाराणसी में पीएम नरेंद्र मोदी ने शिक्षा के समागम कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा कि हमें इस बात का हमेशा ध्यान देना होगा कि आज की जरूरतों को देखते हुये, बच्चों की प्रतिभा और च्वाइस के आधार पर उन्हें शिक्षित करने की आवश्यकता है.
Addressing Akhil Bhartiya Shiksha Samagam in Varanasi. https://t.co/1SwbAU6HRE
— Narendra Modi (@narendramodi) July 7, 2022
उन्होंने एक किस्सा सुनाते हुये कहा, ‘एक बार जब मैं गुजरात का सीएम था. मुझे कुछ स्टूडेंट्स ने एक तोहफा दिया. उसकी मदद से हमने कई प्रोजेक्ट पर काम किए.’ पीएम मोदी ने कहा, ‘नई नीति में पूरा फोकस बच्चों की प्रतिभा और च्वाइस के हिसाब से उन्हें स्कील्ड बनाने पर है. हमारे युवा स्कील्ड हों, कांफीडेंट हों, प्रैक्टिकल और कैलकुलेटिव हो, शिक्षा नीति इसके लिए जमीन तैयार कर रही है. आज हम दुनिया के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम हैं. स्पेस टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में जहां पहले केवल सरकार ही सब करती थी वहां अब प्राइवेट प्लेयर्स के जरिए युवाओं के लिए नई दुनिया बन रही है. उन्होंने कहा, ‘हमें अपनी शिक्षा नीति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लाना होगा.’ राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर प्रकाश डालते हुये उन्होंने कहा कि भविष्य की जरूरतों को देखते हुये नई शिक्षा नीति को अपनाना होगा. उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से देश में कॉलेजों में 55 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है. देश में किये गए कई प्रयासों से यह परिणाम मिल रहा है कि दुनिया की नामी यूनिवर्सिटीज में अपने देश के शिक्षण संस्थानों को भी स्थान मिलने लगा है.