UP Assembly Election 2022: उत्तर प्रदेश में 18वीं विधानसभा के लिए सात चरणों में चुनाव होंगे. पहले चरण के लिए वोटिंग 10 फरवरी को होगी. इस बीच बीजेपी के ‘चाणक्य’ कहे जाने वाले अमित शाह की एंट्री के बाद अब पार्टी के सबसे बड़े ब्रांड और देश के प्रधानमंत्री की यूपी में एंट्री होने जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 जनवरी को पहली चुनावी रैली को संबोधित करेंगे. यह रैली वर्चुअल होगी. उन्होंने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. साथ ही लोगों से रैली के लिए सुझाव भी मांगे हैं.
पीएम नरेंद्री मोदी ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर लिखा, जन भागीदारी और जन विश्वास में ही लोकतंत्र की ताकत निहित है. 31 जनवरी को यूपी के 5 जिलों के लिए होने वाली वर्चुअल रैली में आपकी हिस्सेदारी महत्वपूर्ण है. मेरा आग्रह है कि इस रैली के लिए आप अपने सुझाव नमो ऐप पर जाकर अवश्य साझा करें.
दरअसल, बीजेपी का पूरा फोकस वेस्ट यूपी पर. ऐसे में पीएम मोदी के चुनाव अभियान का आगाज भी वेस्ट यूपी से ही होने जा रहा है. इस वर्चुअल रैली में पीएम मोदी मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, शामली, बागपत और गौतमबुद्धनगर के कार्यकर्ताओं और मतदाताओं को संबोधित करेंगे. सपा-रालोद के गठबंधन के बाद से बीजेपी लगातार वेस्ट यूपी पर नजर बनाए हुए हैं.
यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सबसे अधिक चिंता वेस्ट यूपी को लेकर सता रही है, क्योंकि यहां का किसान और जाट समुदाय तीन कृषि कानूनों (अब वापस हो चुके हैं) के बाद गन्ने के दाम ना बढ़ाए जाने जैसे तमाम मुद्दों को लेकर बीजेपी से नाराज चल रहा है. बीजेपी ने किसानों की नाराजगी दूर करने के लिए बड़े स्तर पर प्रयास करने शुरू कर दिए हैं. यह प्रयास 17 जनवरी से ही शुरू हो चुके हैं, जब केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने सिसौली (मुज़फ़्फ़रनगर) पहुंच भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत से मुलाकात की, जिसका कुछ खास असर होता नहीं दिखा.
इसके बाद 26 जनवरी के दिन बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव मुजफ्फरनगर की खतौली और मीरापुर विधानसभाओं में चुनावी प्रचार करने पहुंचे, और फिर खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सहारनपुर और मुजफ्फरनगर की जिम्मेदारी संभाली है, और जाटों को अपनी नीतियां समझाने का भरसक प्रयास किया. जाट और अल्पसंख्यक बहुल मुजफ्फरनगर में बीजेपी की सक्रियता बेहद अहम मानी जा रही है, क्योंकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा नेताओं को किसानों और जाटों के विरोध का लगातार सामना करना पड़ रहा है.
प्रदेश में जाट समुदाय की आबादी करीब 6-7 फीसदी है. इनकी अधिकता वेस्ट यूपी में है. यहां जाट समाज की आबादी करीब 17 फीसदी के लगभग है. इसके बाद दलित वोटबैंक और फिर तीसरे नंबर पर यहां मुस्लिमों की आबादी है. बीजेपी के लिए वेस्ट यूपी में एंट्री के लिए जाट इसलिए अहम हैं क्योंकि प्रदेश की 18 लोकसभा सीटे और 120 विधानसभा सीटों पर हार-जीत में जाट निर्णायक भूमिका निभाते हैं. बीजेपी ने जाटों के दम पर ही वेस्ट यूपी में 2014-2019 के लोकसभा और 2017 के विधानसभा चुनाव में जबरदस्त जीत दर्ज की थी, लेकिन अब यह वोटबैंक बीजेपी से दूर होता जा रहा है, सारी कोशिशें इस वोटबैंक को फिर से अपने पाले में लाने की हैं
इधर, देश के गृह मंत्री अमित शाह लगातार यूपी में मोर्चा संभाले हुए हैं. शनिवार, 29 जनवकी को अमित शाह ने मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) और सहारनपुर (Saharanpur) में जनता के बीच पहुंचकर अपने प्रत्याशी के लिए वोट मांगे. अमित शाह इसके बाद 31 जनवरी को रामपुर (Rampur) और संभल (Sambhal) में चुनाव प्रचार करेंगे, और फिर 2 फरवरी को अमित शाह कन्नौज (Kannauj) और कानपुर नगर (Kanpu Nagar) चुनाव प्रचार करने पहुंचेंगे.
वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ भी लगातार चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं. सीएम योगी आज 30 जनवरी को आगरा और मैनपुरी और फिर 31 जनवरी को मेरठ और हापुड़ में डोर-टू-डोर चुनाव प्रचार करेंगे, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पहले से ही यूपी में सक्रीय हैं. नड्डा आज फिरोजाबाद और हाथरस में जनसभाओं के संबोधित करेंगे, और फिर1 फरवरी को हमीरपुर और महोबा के दौरे पर रहेंगे. देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 2 फरवरी को पीलीभीत और लखीमपुर खीरी में बीजेपी के पक्ष में वोटिंग के लिए मतदाताओं को प्रेरित करेंगे.
Posted by Sohit Kumar