PMGKAY-FCS-AAY News : कोरोना की दूसरी लहर में देश का प्रत्येक परिवार रोजी-रोजगार को लेकर परेशान है. किसी का काम नहीं चल रहा है. खासकर दिहाड़ी और प्रवासी मजूदर तथा गरीब परिवार के लोगों की स्थिति तो ज्यादा खराब है. ऐसे में, उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने गुरुवार को देश का सबसे बड़ा अन्न वितरण अभियान की शुरुआत की है. अभियान के शुरू होते ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकानों से हर राशन कार्डधारक को 3 किलो गेहूं के साथ 2 किलो चावल मिलने लगा.
सूबे की योगी सरकार की ओर से योजना के तहत सूबे में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) से जुड़े 15 करोड़ पात्र कार्डधारकों को 2 महीने का मुफ्त राशन दिया जाएगा. इसके साथ ही इस अभियान में पात्र गृहस्थी योजना (एफसीएस) के 13,41,77,983 कार्डधारकों और अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) के 1,30,07,969 पात्रों को भी मुफ्त राशन वितरण योजना का लाभ मिलेगा.
देश के सबसे बड़े मुफ्त राशन वितरण अभियान में यूपी के कार्डधारकों के अलावा पोर्टेबिलिटी के आधार पर कोई भी पात्र कार्डधारक प्रदेश की जनवितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकानों से मुफ्त राशन प्राप्त कर सकेगा. मई महीने का राशन वितरण गुरुवार से शुरू हुआ, जो 31 मई तक मिलेगा. आगामी 29 से 31 मई तक पोर्टेबिलिटी के आधार पर पात्र लोगों को राशन वितरण किया जाएगा. योगी सरकार के निर्देश पर मुफ्त राशन वितरण की प्रक्रिया को पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए ई-पास मशीनों का प्रयोग किया है. योगी सरकार ने मुफ्त राशन वितरण अभियान के लिए बड़े स्तर पर तैयारी की है.
गौरतलब है कि कोरोना की पहली लहर के दौरान भी योगी सरकार ने पात्र कार्डधारकों को 8 महीने तक मुफ्त राशन वितरण किया था. 5 किलो खाद्यान्न प्रति यूनिट की दर से राज्य सरकार ने सरकारी दुकानों से पिछले साल अप्रैल से नवंबर तक 60 लाख मी टन खाद्यान्न का मुफ्त वितरण किया था, जो कि देश में एक रिकॉर्ड है.
सीएम योगी के निर्देश पर यूपी के विभिन्न जिलों में मुफ्त राशन वितरण अभियान की निगरानी के लिए तैनात प्रदेश सरकार के मंत्री, विधायकों और अफसरों ने राशन वितरण अभियान की शुरुआत कराई. मुफ्त राशन वितरण में कोई परेशानी न हो इसकी निगरानी अफसर करने में लगे रहे. वितरण के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखे जाने के बारे में लोगों को जागरूक किया गया. राशन वितरण की निगरानी के लिए सरकारी दुकानों पर नोडल अधिकारी भी तैनात रहे.
प्रदेश की लगभग 80 हजार जनवितरण प्रणाली की दुकानों तक खाद्यान्न पहुंचाने के साथ वहां कोरोना प्रोटोकॉल के पालन पर भी पूरा जोर दिया गया. ई-पास मशीनों के इस्तेमाल से पहले लोगों से सेनिटाइजेशन कराया गया. एक दुकान पर एक समय में अधिकतम 5 उपभोक्ता ही मौजूद रहे. खाद्यान्न वितरण में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा गया. टोकन वितरित किये गये, जिससे दुकानों पर भीड़ न जुट सके.
Posted by : Vishwat Sen