ATM से कैश निकले बिना ही खाते से कटे पैसे, PNB पर लगा 10 हजार का जुर्माना, आपके साथ ऐसा हो तो करें ये काम

Bareilly News: पंजाब नेशनल बैंक ने खाताधारक के एटीएम से बिना रुपए निकाले ही 12000 रुपये काट लिए. जिसके चलते जिला उपभोक्ता आयोग ने पीएनबी पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. आयोग ने बैंक को खाताधारक रामभरोसे को 22 हजार रुपये भुगतान का आदेश दिया है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 22, 2022 10:25 AM

Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली में पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने खाताधारक के एटीएम से बिना रुपए निकाले ही 12000 रुपये काट लिए. जिसके चलते जिला उपभोक्ता आयोग ने पीएनबी पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. आयोग ने बैंक को खाताधारक रामभरोसे को 22 हजार रुपये भुगतान का आदेश दिया है.

बरेली के शाहजहांपुर रोड पर नकटिया के पास स्थित सैनिक कॉलोनी निवासी रामभरोसे ने 20 फरवरी 2019 को पंजाब नेशनल बैंक के एटीएम से 2000 निकालने के लिए डेबिट कार्ड लगाकर प्रक्रिया पूरी की थी. मगर, एटीएम से राम भरोसे के रुपए नहीं निकले. इसके बाद राम भरोसे ने दूसरे एटीएम से रुपए निकालने की कोशिश की, लेकिन फिर भी रुपए नहीं निकले.

बिना पैसे निकाले 12 हजार रुपये कटने का आया मैसेज

इसके बाद राम भरोसे के मोबाइल पर 12 हजार रुपये निकलने का मैसेज आया, जिसके चलते राम भरोसे ने पीएनबी की शाखा में जानकारी की. इस दौरान पता चला बैंक खाते से 12000 निकल गए हैं. बैंक खाते में सिर्फ 423 रुपये बचे हैं. इस मामले में रामभरोसे ने पीएनबी में शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.

उपभोक्ता आयोग ने 22000 रुपये देने का दिया आदेश

इससे ख़फ़ा खाताधारक ने उपभोक्ता आयोग में वाद दायर किया. रामभरोसे के बाद की सुनवाई करते हुए जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग द्वितीय के अध्यक्ष दीपक कुमार त्रिपाठी ने बैंक को 22000 रुपये देने का आदेश दिया है. इसमें 10000 रुपये मानसिक क्षति और बाद खर्च देने का आदेश बैंक को दिया गया.

अर्बन अस्पताल पर 5.38 लाख का जुर्माना

वहीं, शहर के रामपुर रोड स्वालेनगर स्थित अर्बन अस्पताल पर शबीना बेगम के वाद की सुनवाई कर उपभोक्ता आयोग ने 5.38 लाख का जुर्माना लगाया है. इस निजी अस्पताल में 11 नवम्बर 2019 को रामपुर जनपद के तकिया कमरी निवासी हुजूर अहमद को साधारण बुखार में भर्ती कराया था. मृतक की पत्नी शबीना बेगम ने बताया कि सामान्य बुखार के मरीज को डेंगू बताकर भय पैदा किया गया. इसके साथ ही लंबा चौड़ा बिल बनाने के लिए गलत इलाज किया. इससे जहूर अहमद की तबियत काफी बिगड़ गई.

उनसे अस्पताल संचालक ने 33.8 हजार रुपये लेकर हायर सेंटर रेफर कर दिया. उनको दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहां जांच कराने के बाद पता चला कि उनको डेंगू हुआ ही नहीं था. गलत इलाज के चलते 4 दिसंबर को जहूर अहमद की मौत हो गई. इस मामले में भी आयोग के अध्यक्ष दीपक त्रिपाठी ने निजी अस्पताल संचालक पर 4.5 लाख रुपये आश्रित की झतिपूर्ति, 83992 रुपये की एफडी कराने के साथ ही वाद व्यय के रूप में 5000 देने का आदेश दिया है.

रिपोर्ट: मुहम्मद साजिद

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