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लखनऊ में साल 2006 में हुए बहुचर्च‍ित सोना लूटकांड के आरोपी पुलिसकर्मी कोर्ट से बरी, नहीं म‍िले सबूत

सितंबर 2006 में लखनऊ के आशियाना इलाके में सोना कारोबारी से चार किलो सोना लूटने का मामला प्रकाश में आया था. इसमें आरोपी कोई और नहीं पुल‍िसकर्मी ही बताये गए थे. आरोपी पुलिसकर्मी तीन किलो सोने और पिस्टल के साथ गिरफ्तार क‍िए गए थे. आरोपी खाकीधारियों की जांच खाकी ने ही की थी.

By Prabhat Khabar News Desk | September 28, 2022 11:41 AM

Lucknow News: साल 2006 के स‍ितंबर माह में क‍िए गए बहुचर्चित सोना लूटकांड के आरोपी पुलिसकर्मी कोर्ट से बरी कर द‍िए गए हैं. एडीजे कोर्ट ने सबूतों के अभाव में तत्कालीन दरोगा संतोष सिंह, बृजनाथ यादव, सिपाही सुशील पचौरी, आलोक सिंह, संतोष तिवारी, नीरज गुप्ता और सुभाष यादव को बरी कर द‍िया है.

एडीजे कोर्ट ने क‍िया फैसला

जानकारी के मुताब‍िक, वर्ष 2006 में प्रयागराज के एक कारोबारी का चार किलो सोना लूटने के मामले में पांच पुलिसकर्मियों समेत सात आरोपितों को सत्र अदालत ने बरी कर दिया. इस बहुचर्चित लूटकांड मामले में दारोगा संतोष सिंह व बृजनाथ यादव तथा तत्कालीन लखनऊ क्राइम ब्रांच के सिपाही सुशील पचौरी, आलोक सिंह व संतोष तिवारी को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने इनके पास से चार किलो सोना भी बरामद किया था. इस दौरान दो अन्य आरोपी नीरज गुप्ता व सुभाष ने अदालत में आत्मसमर्पण कर द‍िया था. एडीजे महेश कुमार कुशवाहा ने सबूत के अभाव में सभी आरोपितों को बरी करने का फैसला क‍िया. हालांक‍ि, इस फैसले के खिलाफ अपील दाखिल करने की बात कही गई है.

खाकी ने की थी खाकी की जांच

सबूतों के अभाव में कोर्ट ने आरोपियों को बरी करने का फैसला किया. दरअसल, सितंबर 2006 में लखनऊ के आशियाना इलाके में सोना कारोबारी से चार किलो सोना लूटने का मामला प्रकाश में आया था. इसमें आरोपी कोई और नहीं पुल‍िसकर्मी ही बताये गए थे. आरोपी पुलिसकर्मी तीन किलो सोने और पिस्टल के साथ गिरफ्तार क‍िए गए थे. आरोपी खाकीधारियों की जांच खाकी ने ही की थी. अंतत: कोर्ट ने अब सबूत के अभाव में सबको बाइज्‍जत बरी कर द‍िया.

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