Pollution Certificate, New Traffic Rules, pollution certificate validity: वाहन मालिकों को अब गाड़ियों का प्रदूषण नियंत्रण सर्टिफिकेट (पीयूसी) बनवाने के लिए दोगुना शुल्क देना. उत्तर प्रदेश में नई दरें एक जनवरी 2021 से लागू हो जाएंगी. यूपी परिवहन विभाग ने सात साल बाद पीयूसी दरों में बदलाव किया है. इसके साथ ही अब गाड़ी का पीयूसी https://vahan.parivahan.gov.in/puc/views/PucCertificate.xhtml लिंक से खुद भी डाउनलोड किया जा सकता है.
बीएस-2 और बीएस-3 वाहने में छह माह और बीएस-4 और बीएस-6 वाहने में पीयूसी सर्टिफिकेट एक साल तक वैलिड होगा. शनिवार को यूपी परिवहन आयुक्त ने सभी आरटीओ को नई दरों के संबंध में दिशा-निर्देश भेजा है. जिसमें अब दुपहिया के लिए 50 रुपए, तीन पहिया के लिए 70 रुपए, चार पहिया के लिए 70 रुपए के अलावा सभी प्रकार डीजल वाहनों की जांच के लिए 100 रुपए देना पड़ेगा. अभी तक दो पहिया के लिए 30 रुपए, चार पहिया पेट्रोल के लिए 40 रुपए व चार पहिया डीजल वाहनों के प्रदूषण जांच के लिए 50 रुपए चुकाना पड़ता था.
परिवहन आयुक्त ने बताया कि उत्तर प्रदेश मोटरयान प्रदूषण केंद्र योजना 2020 में कई प्रावधान किए गए हैं. इसके तहत अब कोई भी एनजीओ, ट्स्ट, फर्म और कंपनी पीयूसी सेंटर का लाइसेंस ले सकती है. उनके मुताबिक, यूपी रोडवेज के सबी वर्कशॉपों और मान्यताप्राप्त गैरेजों की पीयूसी सेंटर की सुविधा दी जा सकती है. इस योजना के साथ अब सचल प्रदूषण जांच केंद्र की स्थापना की गई है. पीयूसी सेंटर चलाने के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 10वीं पास होने के साथ ही कंप्यूटर की जानकारी होना आवश्यक है.
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बता दें कि यूपी में नया मोटर व्हीकल एक्ट का सख्ती से पालन हो रहा है. रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, बीमा, ड्राइविंग लाइसेंस जैसे जरूरी दस्तावेजों न चलने पर रोजाना ट्रैफिक पुलिस चालान कट रही है. जिसके लिए भारी जुर्माना भरना पड़ रहा है. इसलिए प्रदूषण सर्टिफिकेट फिर भी जरूरी लेकर चलिए. और अगर प्रदूषण सर्टिफिकेट की समय सीमा खत्म हो गई है तो उसे नया बनवा लीजिए.
बता दें कि अगर आपके पास अपनी गाड़ी का प्रदूषण सर्टिफिकेट नहीं है तो आपको अगली बार सड़क पर आने पर 10,000 रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है. सितंबर 2019 में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री मंत्रालय ने नियमों में बदलाव करते हुए जुर्माने की रकम को दस गुना तक बढ़ा दिया है.
Posted By: utpal kant