Bareilly: मौसम में बदलाव के कारण तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. रविवार को बरेली का न्यूनतम तापमान 11 है, जबकि अधिकतम 27 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है. तापमान में कमी आने से ठंड भी बढ़ी है. लेकिन, बरेली का प्रदूषण कम नहीं हो रहा है.
रविवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 165 है. यह रात में 291 था, जो काफी गंभीर श्रेणी में है. शहर के सिविल लाइंस, राजेंद्र नगर और सुभाषनगर की हवा सबसे अधिक जहरीली हो गई है. यहां के लोगों का सांस लेना दूभर है. बरेली में धूल और धुएं के मिश्रण ने हवा को जहरीला किया है. इसको लेकर पिछले दिनों राज्य मानवाधिकार आयोग (एसएचआरसी) ने भी चिंता जताई थी. मगर, इसके बाद भी एक्यूआई में कमी को लेकर कोई कदम नहीं उठाए गए.
बरेली में निर्माण कार्यों के चलते सबसे अधिक प्रदूषण बढ़ा है. सुबह से रात तक धूल उड़ती है, तो वहीं कुटुबक्खाना ओवरब्रिज के निर्माण के पिलर की खुदाई चल रही है. शहर में धूल और धुएं के मिश्रण ने ही प्रदूषण में इजाफा किया है. एक्यूआई लगातार बढ़ रहा है.
रविवार को एक्यूआई 291 तक पहुंच गया था, जबकि सुबह 10 बजे शहर का एक्यूआई 165 था. यह काफी चिंताजनक है. शहर के सिविल लाइंस का एक्यूआई 169, राजेंद्रनगर का एक्यूआई 164 और सुभाषनगर का एक्यूआई 163 हो गया है. इसके साथ ही पीएम 2.5 सिविल लाइंस का 90, राजेंद्र नगर का 81, और सुभाषनगर का 79 है, जो काफी बताया जा रहा है. इसके साथ ही पीएम 10 सिविल लाइंस का 193, राजेंद्र नगर का 171, और सुभाषनगर का 164 हो गया है.
उत्तर प्रदेश के जनपद सहारनपुर की हवा सबसे अधिक जहरीली है. यहां का एक्यूआई 282 हो गया है. जिसके चलते सहारनपुर भारत के टॉप 10 में शामिल हो गया है. इसके साथ ही दुनिया के 100 प्रदूषित शहरों में भी सहारनपुर शामिल है. इसके साथ ही यूपी की राजधानी लखनऊ दुनिया के टॉप 100 में 91वें नंबर पर है.
शहर का एक्यूआई बढ़ने से बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर काफी असर पड़ रहा है. ऐसे में घरों से निकलने में एहतियात बरतने की जरूरत है.लोगों में स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो सकती है. डॉक्टर मास्क लगाकर घर से निकलने की सलाह दे रहे हैं.क्योंकि, बरेली में सांस के मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है.
एक्यूआई बढ़ने से सांस की बीमारी और अस्थमा हो सकता है. इसलिए फेफड़ों की मजबूती के लिए भुजंगासन यानी कोबरा योग करें. इस योग के अभ्यास से फेफड़े स्वस्थ रहते हैं. धनुरासन योग भी अच्छा है.इससे फेफड़े साफ होते हैं. सुखांगसन योग से फेफड़ों के कार्य को बढ़ावा मिलता है.
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0 से 50 एक्यूआई है, तो यह बहुत अच्छी बात है.इससे सेहत पर कम असर होता है. 51-100 एक्यूआई भी ठीक है, लेकिन संवेदनशील लोगों को सांस की हल्की दिक्कत हो सकती है.101 के बाद ठीक नहीं है. 101 से 200 एक्यूआई से फेफड़ा, दिल और अस्थमा मरीजों को सांस में दिक्कत होती है. 201-300 एक्यूआई काफी खराब है. लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहने पर किसी को भी सांस में दिक्कत होना तय है. 301-400 एक्यूआई बहुत खराब है. लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहने पर सांस की बीमारी का खतरा होता है. 401-500 एक्यूआई सबसे अधिक खतरनाक है. इंसान की सेहत पर सबसे अधिक खराब होती है.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली