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UP विधि आयोग ने CM Yogi को सौंपा जनसंख्या नियंत्रण कानून का मसौदा, जानें खास बातें

यूपी विधि आयोग (UP Law Commission) ने जनसंख्या नियंत्रण कानून का मसौदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) को सौंप दिया है. इसमें सरकार को कई सुझाव दिए गए हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 16, 2021 9:46 PM
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UP News : यूपी विधि आयोग (UP Law Commission) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एएन मित्तल (Justice AN Mittal) ने सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) को जनसंख्या नियंत्रण कानून (Population Control Law) के अंतिम मसौदे को सौंप दिया. आयोग ने बीते महीने जनसंख्या नियंत्रण कानून के मसौदे का ड्राफ्ट जारी कर लोगों से आपत्तियां और सुझाव मांगे गये थे.

आयोग के मुताबिक, साढ़े आठ हजार से अधिक लोगों ने ड्राप्ट पर अपने सुझाव दिए हैं. इसमें से 99.5 प्रतिशत लोग जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने के पक्ष में हैं.


लोगों से मिली अच्छी प्रतिक्रिया

यूपी विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एएन मित्तल ने सीएम योगी को सौंपी अपनी रिपोर्ट के बारे में बताया, हमने हमने जनसंख्या नियंत्रण विधेयक का मसौदा पोस्ट करने के बाद लोगों से सुझाव मांगे. हमें अच्छी प्रतिक्रिया मिली. हमने सुझावों को शामिल करने का प्रयास किया.

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न चुनाव लड़ पाएंगे, न सरकारी नौकरी पा सकेंगे

उन्होंने कहा कि जो लोग सरकारी योजनाओं का लाभ लेना चाहते हैं, वे अपने परिवार को 2 बच्चों तक सीमित रखें. जो लोग इस विधेयक का पालन नहीं करेंगे, उन्हें माता-पिता और उनके दो बच्चों सहित केवल 4 लोगों तक ही राशन मिलेगा. ऐसे लोगों को सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने से भी रोक दिया जाएगा. वे नगर निकाय चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.

कब लागू होंगे प्रतिबंध

यूपी विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एएन मित्तल ने कहा कि ये प्रतिबंध उन लोगों पर लागू होंगे, जिनके इस बिल के लागू होने के बाद दो बच्चे होंगे. अपनी रिपोर्ट में, हमने यह भी सिफारिश की है कि यह विधेयक विधान सभा से पारित होने के 1 साल बाद लागू होना चाहिए.

विधि आयोग ने सरकार को दिए सुझाव

राज्य विधि आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण को लेकर प्रदेश सरकार को सुझाव भी दिए हैं. इसमें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रसूति केंद्र खोलने, गर्भनिरोधक और कंडोम की व्यवस्था करने, जनसंख्या नियंत्रण के प्रति जागरूकता पैदा करने की संस्तुति की गई है. इसके अलावा गर्भावस्था, प्रसूति, जन्म और मृत्यु के पंजीकरण को पूरे प्रदेश में अनिवार्य करने की संस्तुति भी की गई है.

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…तो ले सकेंगे तीसरे बच्चे को गोद

जनसंख्या नियंत्रण कानून के मसौदे में साफ किया गया है कि यदि किसी दंपति के दो बच्चे हैं और दोनों दिव्यांग हैं तो वह तीसरे बच्चे को गोद ले सकते हैं. इसे कानून का उल्लंघन नहीं माना जाएगा. इसके अलावा, यदि किसी दंपति के दो बच्चे हैं और नौकरी लगने के बाद एक या दोनों बच्चों की मौत हो जाती है तो वह तीसरी संतान को जन्म दे सकते हैं.

Posted by : Achyut Kumar

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