Agra: हैंडस्टैंड में आगरा के प्रदीप ने इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज कराया अपना नाम, बनाया अनोखा रिकॉर्ड
Agra News: आगरा के 24 साल के प्रदीप कुमार ने अपना नाम इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज कराया है. प्रदीप कुमार 2 मिनट 10 सेकंड तक डंबल के सहारे और अपने हाथ के बल उलटे खड़े रहे. जिसके बाद उनके नाम यह रिकॉर्ड दर्ज हुआ है.
Agra News: आगरा के 24 साल के प्रदीप कुमार ने अपना नाम इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज कराया है. प्रदीप कुमार 2 मिनट 10 सेकंड तक डंबल के सहारे और अपने हाथ के बल उलटे खड़े रहे. जिसके बाद उनके नाम यह रिकॉर्ड दर्ज हुआ है. प्रदीप की इस कामयाबी से जहां एक तरफ उनके घर वाले खुश हैं. वहीं कॉलोनी के लोग भी फक्र महसूस कर रहे हैं कि प्रदीप की वजह से उनकी कॉलोनी का नाम देश में रोशन हो रहा है.
इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी नाम शामिल
दयाल बाग स्थित इंदिरा कॉलोनी में रहने वाले कैलिस्थेनिक्स एथलीट प्रदीप कुमार ने डंबल के ऊपर 2 मिनट 10 सेकंड तक हाथ के बल खड़े होकर(हैंड स्टैंड) इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम शामिल किया है. इस प्रक्रिया को ‘लांगेस्ट टाइम टू बैलेंस हैंड स्टैंड पोजीशन ऑन डंबल्स’ भी कहते हैं.
प्रदीप इस कारनामे के लिए सालों से तैयारियों में जुटे हुए थे. सालों की कड़ी मेहनत और जज्बे के साथ प्रदीप ने इस मुश्किल कारनामे को अंजाम दिया है. प्रदीप की इस कामयाबी के बाद से ही उनके घर वाले और आस-पड़ोस के लोग काफी खुश है. उनका कहना है कि प्रदीप ने अपने घर वालों का और इस कॉलोनी का नाम देश में रोशन कर दिया है.
कौन है प्रदीप कुमार
प्रदीप कुमार के एक छोटे भाई और दो बहने हैं. उन्होंने बताया कि उनकी इस कामयाबी में उनके घर वालों का काफी सहयोग मिला है. उनकी बहन नीरू इस काम में उनकी काफी मदद करती थी और मां, पिताजी ने भी उन्हें काफी प्रोत्साहन दिया है. जिसकी वजह से आज वह इस मुकाम को हासिल कर पाए हैं.
प्रदीप ने बताया कि वह इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवाने के बाद अब गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाने की तैयारी में जुट गए हैं. जिसके लिए उन्होंने अभी से मेहनत करना शुरू कर दिया है. वहीं उन्होंने बताया कि एथलीट के अलावा वह डांस में भी काफी मेहनत करते हैं और डांस के दम पर प्रदीप ने इंडिया हिप हॉप चैंपियनशिप में कांस्य पदक भी जीता था.
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प्रदीप कुमार के पिता मुन्ना लाल ने बताया कि हमने कभी नहीं सोचा था कि हमारे बेटे के इस कारनामे से हमारा नाम रोशन होगा. हमारे बेटे ने शुरू से ही इस काम के लिए काफी मेहनत की है. और हमें खुशी है कि हमारा बेटा अपनी मेहनत में सफल हुआ और इस मुकाम पर पहुंचा.