UP Election 2022: कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना तोड़ेंगे प्रमोद तिवारी का रिकॉर्ड? या तनवीर रोक देंगे विजय रथ
उत्तर प्रदेश की शाहजहांपुर सदर सीट से लगातार आठ बार विधायक बनने वाले प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना एक बार फिर चुनावी मैदान में हैं. इस बार वह चुनाव जीतते हैं, तो एक ही सीट और एक ही पार्टी से नौ बार चुनाव जीतने वाले प्रमोद तिवारी का रिकॉर्ड टूट जाएगा.
Bareilly News: उत्तर प्रदेश की 135 शाहजहांपुर सदर सीट से लगातार आठ बार विधायक बनने वाले प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना एक बार फिर चुनावी मैदान में हैं. मगर, इस बार वह चुनाव जीतते हैं, तो एक ही सीट और एक ही पार्टी से नौ बार चुनाव जीतने वाले प्रमोद तिवारी का रिकॉर्ड टूट जाएगा.
गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है प्रमोद तिवारी का नाम
यूपी ही नहीं बल्कि पूरे देश में प्रतापगढ़ के रामपुर खास विधानसभा क्षेत्र से लगातार नौ बार चुनाव जीतने वाले प्रमोद तिवारी का नाम गिनीज़ बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है. वह एक ही पार्टी से और एक ही विधानसभा क्षेत्र से लगातार नौ बार चुनाव जीतकर विधायक बने थे. 2012 में विधायक चुनने के बाद उन्होंने यह सीट अपनी बेटी आराधना मिश्रा मोना के लिए छोड़ दी. वह राज्यसभा चले गए थे. उनका रिकॉर्ड इस बार कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना तोड़ने की कोशिश में हैं. वह शाहजहांपुर सदर सीट से दसवीं बार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे, अगर वह चुनाव जीतते हैं, तो प्रमोद तिवारी भी नया रिकॉर्ड बनाएंगे.
पहले हारे फिर लगातार जीते चुनाव
सुरेश खन्ना ने सबसे पहला चुनाव भाजपा के टिकट पर 1985 में लड़ा था. मगर, वह चुनाव हार गए थे. इसके बाद 1989 में जीतकर विधायक बने. इसके बाद से वह आज तक नहीं हारे. उन्होंने 1989, 1991,1993, 1996,2002, 2007, 2012 और 2017 में चुनाव जीता. वह वर्तमान में कैबिनेट मंत्री हैं. मगर, इस बार इस सीट से शाहजहांपुर नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन तनवीर खा भी सपा के टिकट पर मजबूती से लड़ रहे हैं.
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रोशन लाल वर्मा को हराने के लिए घेराबंदी
वह पिछली बार भी सुरेश सुरेश खन्ना को हराने की कोशिश में थे. मगर, भाजपा की लहर में कामयाब नहीं हो सके. 2017 के विधानसभा चुनाव में सुरेश खन्ना को 1,00,734 और तनवीर को 81,531 वोट मिले थे. इस बार चुनाव काफी कांटे का है. सपा ने सदर सीट पर भाजपा के सुरेश खन्ना को हराने के लिए कड़ी घेराबंदी की है, तो वहीं तिलहर में सपा के टिकट पर लड़ने वाले रोशन लाल वर्मा को हराने के लिए भाजपा ने कड़ी घेराबंदी की है.
यह भी जीते आठ बार, लेकिन बीच में हार गए चुनाव
रामगोविंद चौधरी बलिया की बांसडीह सीट से सपा के टिकट पर आठ बार चुनाव जीते हैं, वह बीच में दो चुनाव हार गए थे. 1977 में पहली बार विधायक बने. इसके बाद 1980, 1989, 1991, 2002, 2007, 2012 और 2017 में चुनाव जीत गए. मगर, वह 1985, 1993, 1996 का चुनाव हार गए थे. इसी तरह से मथुरा की मांठ विधानसभा से आठ बार विधायक चुनने वाले श्याम सुंदर शर्मा भी हैं, लेकिन उन्होंने कई बार पार्टियां बदलीं.
दुर्गा सिंह भी कई बार बने विधायक
पहली बार 1989 में विधायक बने थे. उसके बाद 1991 1993,1996, 2002, 2007, 2012 और 2017 में विधायक चुने गए, लेकिन वह बसपा में आने से पहले तृणमूल कांग्रेस, अखिल भारतीय लोकतांत्रिक कांग्रेस, ऑल इंडिया इंदिरा कांग्रेस, कांग्रेस तिवारी आदि से चुनाव जीते थे, जबकि 2017 में बसपा से चुनाव लड़े और उन्होंने आरएलडी के योगेश चौधरी को मात्र 432 वोटों से हराया था. दुर्गा सिंह भी कई बार के विधायक हैं.
रिपोर्ट: मोहम्मद साजिद