Prayagraj News: जार्ज टाउन थाना अंतर्गत बिजली विभाग के कार्यालय में घुसकर अधिशासी अभियंता मनोज कुमार अग्रवाल से मारपीट मामले में जांच कर रही पुलिस को अभी तक ठोस सबूत नहीं मिले है. पुलिस का कहना है कि कार्यालय में सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा होने के कारण अब उस मोबाइल फोन की तलाश की जा रही है, जिससे घटना का वीडियो बनाया गया था.
गौरतलब है कि अभियंता मनोज कुमार अग्रवाल ने बीजेपी एमएलसी सुरेंद्र चौधरी पर कार्यालय में घुसकर मारपीट करने का मुकदमा दर्ज कराया था. वहीं, एमएलसी ने भी अभियंता पर जातिसूचक शब्द के तहत अपमानित करने का मुकदमा दर्ज कराया है.
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने जिला और पुलिस प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि अधिशासी अभियंता के खिलाफ दर्ज मुकदमा वापस नहीं लिया गया तो वह आंदोलन को मजबूर होंगे. उनका कहना है कि अधिशासी अभियंता मनोज अग्रवाल के साथ मारपीट के बाद दबाव बनाने के लिए MLC द्वारा फर्जी मुकदमा दर्ज कराया गया है. जो सरासर न इंसाफी है.
बिजली विभाग के अभियंता मनोज कुमार अग्रवाल के मुताबिक, बिजली चोरी पकड़े जाने के बाद की गई कारवाई के सिलसिले में MLC उक्त परिचित को छोड़ने का दबाव बना रहे थे. इनकार और जुर्माना भरने को बात कहने पर बीते शुक्रवार को बीजेपी एमएलसी सुरेश चौधरी ने सहयोगी के साथ जार्ज टाउन कार्यालय में घुसकर मारपीट की थी. वहीं, एमएलसी ने भी अधिशाषी अभियंता पर 50 हजार का घूस लेने समेत कई आरोप लगाए थे. इस संबंध में एमएलसी आज जिलाधिकारी से भी शिकायत करेंगे.
रिपोर्ट- एसके इलाहाबादी