Prayagraj Violence: प्रयागराज के अटाला में 10 जून को जुमे की नमाज के बाद हुए बवाल के मुख्य आरोपी जावेद मोहम्मद उर्फ जावेद पंप का मकान ढहाने के मामले में सोमवार को सुनवाई नहीं हो सकी. इलाहाबाद हाइकोर्ट में अब इस मामले की मंगलवार को सुनवाई करेगी. याचिका जावेद की पत्नी परवीन फातिमा ने दाखिल की है. याचिका में परवीन ने अवैध तरीके से मकान तोड़े जाने की शिकायत करने के साथ ही दोबारा मकान बनने तक रहने के लिए सरकारी आवास मुहैया कराने की मांग की है.
मकान ध्वस्तीकरण का मामला न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल और न्यायमूर्ति विक्रम डी चौहान की खंडपीठ के समक्ष था. जानकारी के मुताबिक, प्रयागराज डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीडीए/PDA) ने अपना पक्ष रखने के लिए अधिवक्ता नामित किया है. अधिवक्ता ने अपना वकालतनामा फाइल किया हैं. इस वजह कोर्ट ने सोमवार की सुनवाई को टाल दी. परवीन फातिमा ने याचिका में दावा किया है कि जिस मकान को बुलडोजर से ध्वस्त किया गया है, वह उसके नाम पर है न कि उनके शौहर के नाम पर. यह मकान याची को उसके पिता से उपहार में मिला था.
नगर निगम व राजस्व दस्तावेजों में भी परवीन फातिमा का ही नाम दर्ज है जबकि जुमे की नमाज के बाद वाली घटना के बाद उसे और उसकी बेटी को पुलिस महिला थाने उठा ले गई थी. पुलिस गई और नोटिस चस्पा कर चली आई. उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को इसकी जानकारी भी नहीं हुई. 12 जून को मकान ध्वस्त कर दिया गया. याचिका में कहा गया है कि याची के पास अब रहने के लिए कोई घर नहीं है. वह परिवार के साथ रिश्तेदारों के यहां रहने को मजबूर है. याचिका में न्यायालय से ग्रीष्मावकाश के दौरान ही इस मामले में सुनवाई का अनुरोध किया गया है. हालांकि, परवीन फातिमा की ओर से दाखिल याचिका में मकान का कोई नक्शा दाखिल नहीं किया गया है.