Gorakhpur News: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने दो दिवसीय दौरे पर गोरखपुर थे. आज गोरखपुर से राष्ट्रपति संत कबीर नगर जिले के मगहर पहुंचे. संत कबीर नगर के कबीर चौरा स्थित हेलीपैड पर उनका स्वागत उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने किया. राष्ट्रपति के साथ उनकी पत्नी सविता कोविंद और उनकी बेटी भी मौजूद थीं. राष्ट्रपति ने पत्नी और बेटी सहित मजार और समाधि पर मत्था टेका उसके बाद आज विश्व पर्यावरण दिवस के दिन राष्ट्रपति ने कबीर चौरा परिसर में पौधारोपण किया. यहां से राष्ट्रपति ऑडिटोरियम हॉल में संत कबीर शोध संस्थान का लोकार्पण कार्यक्रम में पहुंचे.
राष्ट्रपति ने 31.49 करोड़ की लागत से बने संत कबीर अकादमी शोध संस्थान सहित अन्य कई विकास कार्यों का लोकार्पण किया. संत कबीर नगर की मगहर आने वाली राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद दूसरे राष्ट्रपति हैं इससे पहले मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम बतौर राष्ट्रपति यहां आए थे. राष्ट्रपति गोरखपुर के कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के बाद रविवार सुबह 9:15 बजे गोरखपुर एयरपोर्ट से संतकबीरनगर के लिए रवाना हुए 9:30 बजे संत कबीर नगर के मगहर कबीर चौरा धाम पर बने हेलीपैड पर पहुंचे जहां उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया.
इसके बाद 9:35 बजे राष्ट्रपति कबीर समाधि स्थल पहुचें जहां उन्होंने संत कबीर की समाधि पर व मजार पर मत्था टेका राष्ट्रपति के साथ उनकी पत्नी सविता कोविंद और बेटी भी मौजूद थे. कबीर चौरा परिषद में राष्ट्रपति ने पौधारोपण किया और वहां से ऑडिटोरियम के लिए चले गए जहां पर कई विकास कार्यों का लोकार्पण राष्ट्रपति के हाथों होना था. राष्ट्रपति के हाथों कबीर अकादमी शोध संस्थान सहित कई विकास कार्यों का लोकार्पण किया गया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने मोदी योगी सरकार की तारीफ की राष्ट्रपति ने मुख्यमंत्री के जन्मदिवस पर उन्हें बधाई दी. इस दौरान ऑडिटोरियम में कबीर परिनिर्वाण स्थली के विकास से जुड़ी शॉर्ट फिल्म भी दिखाई गई.
मंच से अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि कबीर ने जाति व्यवस्था और छुआछूत के खिलाफ खुलकर बोला. कबीर ने अंधविश्वास, कुरीतियों ,आडंबर पर बिना डरे शब्दों से प्रहार किया संत कबीर की पवित्र बानी ने सुदूर पूर्व में श्रीमंत शंकरदेव से लेकर पश्चिम में संत तुकाराम और उत्तर में गुरु नानक से लेकर छत्तीसगढ़ में गुरु घासीदास तक को प्रभावित किया. उन्होंने कहा कि संत कबीर पुस्तक विज्ञान से वंचित रहे. फिर भी उन्होंने साधु संगति से अनुभव ज्ञान प्राप्त किया. उस ज्ञान को उन्होंने पहले स्वयं जांचा-परखा और आत्मसात किया. फिर लोगों के सामने प्रकट किया. राष्ट्रपति ने कहा कि समाज के कमजोर वर्ग के प्रति संवेदना और सहानुभूति रखे बिना मानवता की रक्षा नहीं हो सकती.
रिपोर्ट : कुमार प्रदीप