Gorakhpur News: विश्व प्रसिद्ध गीताप्रेस अपने धार्मिक ग्रंथों के लिए दुनियाभार में जाना जाता है. गीताप्रेस के 100 साल पूरे हो गए हैं. संस्थान अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है. समारोह 4 जून को होगा. इसमें बतौर मुख्य अतिथि भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शरीक होंगे. उस बीच वे करीब एक घंटे यहां रहेंगे. उनके साथ यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित रहेंगे.
राष्ट्रपति के कार्यक्रम को लेकर राष्ट्रपति कार्यालय से ईमेल के जरिए यह जानकारी गीताप्रेस प्रशासन को दी गई है. इसकी सूचना के बाद गोरखपुर जिला प्रशासन के अफसरों ने संस्था के अधिकारियों के संग बैठक की. गोरखपुर के जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने प्रशासन के अधिकारियों के साथ गीता प्रेस में होने वाले कार्यक्रम को लेकर वहां मंच, डी एरिया व पंडाल लगने की स्थान को जाना. गीताप्रेस के प्रबंधक लालमणि तिवारी ने बताया कि उनका संस्थान शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर चुका है. 14 मई से वे सांकेतिक रूप से इसका शुभारंभ कर देंगे.
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के माध्यम से राष्ट्रपति को निमंत्रित करने के लिए पत्र भेजा गया था. उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति सबसे पहले गीताप्रेस के परिसर में स्थित लीला चित्र मंदिर का भ्रमण करेंगे. इस चित्र मंदिर का उद्घाटन 1955 में राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के हाथों हुआ था. इस मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण और भगवान राम की लीला के हस्तनिर्मित चित्र लगे हुए हैं. उसके बाद राष्ट्रपति दो ग्रंथों का विमोचन करेंगे. इसमें पहली ग्रंथ रामचरितमानस है जो आर्ट पेपर पर बनी हुई है. इस ग्रंथ में 1200 से अधिक पृष्ठ हैं. इनमें 305 से अधिक चित्र हैं. दूसरा ग्रंथ गीता प्रेस के संस्थापक सेठ जी जयदयाल गोयदका की लिखी गीता पर टीका ‘तत्व विवेचनी’ है.
विश्व प्रसिद्ध गीता प्रेस की स्थापना जयदयाल गोयदका ने 14 मई, 1923 को की थी. उनका उद्देश्य घर-घर तक गीता ग्रंथ को पहुंचाना था. गीता प्रेस ने आज तक 80 करोड़ से ज्यादा धार्मिक पुस्तकों की छपाई की है. गीता प्रेस अपनी कल्याण पत्रिका के लिए भी काफी प्रसिद्ध है. कल्याण पत्रिका पिछले 98 वर्ष से निरंतर चल रही है. गीता प्रेस में 15 करोड़ से अधिक कल्याण की प्रतियां प्रकाशित कर चुका है. गीताप्रेस में 18 भाषाओं में 1800 अलग-अलग तरह की पुस्तकें प्रकाशित होती हैं.
रिपोर्ट : कुमार प्रदीप