वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी, केंद्र के स्मार्ट सिटीज मिशन के तहत अच्छा प्रदर्शन करने वाले शहरों में से एक है. इस साल जनवरी में आंतरिक रैंकिंग सूची में शहर को 13 वां स्थान मिला था और पिछले माह स्थिति में सुधार करते हुए इसने 7वां स्थान पाया. बावजूद इसके अब तक केवल 50 फीसदी राशि का ही उपयोग हो पाया है, जबकि कई परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं. परियोजनाओं के लिए स्वीकृत आधे से अधिक धन का उपयोग किया जाना बाकी है.
मालूम हो कि वर्तमान में मिशन के तहत वाराणसी में 25 परियोजनाएं चल रही हैं. इन परियोजनाओं को पहले ही श्रेणियों में बांटा जा चुका है. इन योजनाओं को सुरामा (सुरम्य), निर्मल (स्वच्छ), सुरक्षित (सुरक्षित), समुन्नत (बेहतर), एकिकृत (एकीकृत) और संयोगित (योजना) के तहत रखा गया है. कुल 25 परियोजनाओं की कुल लागत 561 करोड़ रुपये थी. उनमें से, सोलह को लगभग 261 करोड़ रुपये की लागत के साथ पूरा किया गया है, जबकि पंद्रह परियोजनाएं अभी भी लंबित हैं.
स्थानीय अधिकारियों के अनुसार कमांड कंट्रोल सेंटर के पूरा होने के कारण मंदिरों के इस शहर ने अपनी रैंकिंग में सुधार की है. यह परियोजना 150 करोड़ रुपये की लागत से पूरी हुई है. वैसे बहुत सारा काम कभी होना है. कुछ महत्वपूर्ण सड़कों को चौड़ा किया गया है, लेकिन शहर की जल निकासी व्यवस्था अभी तक ठीक नहीं की गयी है, जिसके परिणामस्वरूप जल-जमाव की समस्या है. गैर-पीक घंटों में भी ट्रैफिक जाम की समस्या बनी हुई है.
अधिकारियों का कहना है कि तीन भूमिगत पार्किंग सुविधाओं पर काम चल रहा है. एक बार पूरा हो जाने के बाद, 2,000 से अधिक दोपहिया वाहन और 500 चौपहिया वाहन वहां पार्क किए जा सकते हैं. इस मिशन के तहत और भी काम हो रहे हैं. गंगा के किनारे एक ओपन-एयर थियेटर का भी निर्माण किया जा रहा है. कोविद -19 और लॉकडाउन ने कार्यों को धीमा कर दिया है. एक अधिकारी ने कहा कि हम कामगारों की संख्या बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं.
posted by ashish jha