Aligarh News: अलीगढ़ में धनीपुर मंडी सरकारी कैंपस है. सरकारी कैम्पस में विभाग की बिना अनुमति और बिना ठेका उठाये प्रचार करने की पांबदी है. फिर भी अलीगढ़ की धनीपुर मंडी में नियमों का पालन न होते हुए समिति कैम्पस में मंडी की दुकान के दीवार पर निजी संस्थानों के प्रोडक्ट्स व सर्विस के बैनर चस्पा किये गए हैं. इतना ही नहीं मंडी परिसर में मच्छर मारने का लोशन, अंग्रेजी सिखाने वाले इंस्टीट्यूट, ट्रैक्टर निर्माण कंपनी, प्राइवेट डिग्री कॉलेज, स्कूल, कोचिंग सेंटर, सीमेंट, पर्दे आदि के कई प्राइवेट विज्ञापन धड़ल्ले से मंडी कैम्पस की दीवारों पर लगे हुए हैं.
धनीपुर मंडी कैम्पस में मंडी समिति के सचिव व सभापति का कार्यालय है. यहां मंडी परिषद के उपनिदेशक के भी कार्यालय हैं. यहां पर अनाज, सब्जियों का कारोबार होता है. फलों की बिक्री की मंडी भी प्रस्तावित है. यानी यह पूरी तरीके से सरकारी कैंपस है. मंडी अधिकारियों की नाक के नीचे सरकारी कैम्पस में धड़ल्ले से प्राइवेट प्रचार फलफूल रहा है. मंडी की दीवारों पर प्राइवेट प्रचार आने-जाने वाले लोगों को आकर्षित कर रहे हैं. इन विज्ञापनों से इनके संस्थान जमकर कमाई भी कर रहे हैं. यह बड़ा सवाल है कि इन दीवारों पर लगे प्राइवेट विज्ञापनों से मंडी समिति को क्या कोई आय हो रही है?
अलीगढ़ शहर में भी प्राइवेट प्रचारों को लगवाने के लिए नगर निगम ठेका उठाती है. इसके एवज में नगर निगम को अच्छा राजस्व मिलता है. सरकारी ठेके से ही प्राइवेट विज्ञापन लगाए जाने की अनुमति मिलती है. मंडी परिसर में निजी कंपनी के प्रोडक्ट, सर्विस आदि के दीवार पर पैंट इन विज्ञापनों की ओर भी ध्यान देते हुए ठेका आदि का प्रावधान करे तो मंडी समिति के आय का एक और श्रोत भी बन सकता है. मंडी समिति के द्वारा कुछ प्राइवेट विज्ञापनों को पुतवाया गया है. मगर वह ऐसे पुतवाए गए हैं कि अभी भी उनका पूरा कंटेंट पढ़ा जा सकता है. वह प्रचार का अपना काम बखूबी से पूरा कर रहे हैं.
मंडी समिति के सभापति व अलीगढ़ सिटी मजिस्ट्रेट प्रदीप वर्मा ने बताया कि मामले को दिखाया जाएगा और कानून संगत जो भी कार्यवाही होगी वह तत्काल की जाएगी. इसको लेकर मंडी समिति के सचिव को जल्द ही निर्देश जारी किए जाएंगे.
रिपोर्ट : चमन शर्मा