लखनऊ : कानपुर एनकाउंटर के मुख्य आरोपी विकास दुबे के मुठभेड़ में मारे जाने लेकर प्रियंका गांधी ने उसे संरक्षण देने वालों पर हमला बोला है. प्रियंका ने ट्वीट किया है कि अपराधी का अंत हो गया, अपराध और उसको सरंक्षण देने वाले लोगों का क्या ? इधर, कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने सवालिया लहजे में ट्वीट किया है कि यह पता लगाना आवश्यक है विकास दुबे ने मध्यप्रदेश के उज्जैन महाकाल मंदिर को सरेंडर के लिए क्यों चुना ? मध्यप्रदेश के कौन से प्रभावशाली व्यक्ति के भरोसे वो यहां उत्तर प्रदेश पुलिस के एनकाउंटर से बचने आया था ?
अपराधी का अंत हो गया, अपराध और उसको सरंक्षण देने वाले लोगों का क्या?
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 10, 2020
उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया था और कहा था कि कानपुर के जघन्य हत्याकांड में यूपी सरकार को जिस मुस्तैदी से काम करना चाहिए था, वह पूरी तरह फेल साबित हुई. अलर्ट के बावजूद आरोपी का उज्जैन तक पहुंचना, न सिर्फ सुरक्षा के दावों की पोल खोलता है, बल्कि मिलीभगत की ओर इशारा करता है. प्रियंका ने विकास दुबे का नाम कुख्यात अपराधियों की सूची में नहीं शामिल होने को लेकर भी सवाल उठाया था. प्रियंका ने कहा था कि तीन महीने पुराने पत्र पर ‘नो एक्शन’और कुख्यात अपराधियों की सूची में ‘विकास’ का नाम न होना बताता है कि इस मामले के तार दूर तक जुड़े हैं.
विकास दुबे के मारे जाने के बाद समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा कि यह कार पलटी नही है, राज खुलने से, सरकार पलटने से बचायी गयी है . यादव ने ट्वीट कर कहा, ”दरअसल यह कार नही पलटी है, राज खुलने से सरकार पलटने से बचाई गयी है . ” कुख्यात अपराधी दुबे पार आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोप था और उस पर पांच लाख रुपये का इनाम था . दुबे शुक्रवार सुबह कानपुर के भौती इलाके में पुलिस मुठभेड़ मे मारा गया. गाड़ी पलटने से एक पुलिस निरीक्षक समेत चार पुलिसकर्मी भी घायल हुये है, जिसमें एक हालत गंभीर है.