Gorakhpur News: गोरखपुर की किशन कुमारी उर्फ पंडिताइन के नशे के कारोबार का पुलिस ने खात्मा कर दिया. किशन कुमारी की 13 करोड़ 52 लाख 50 हजार की संपत्ति को जिला प्रशासन ने कुर्क किया है. एसपी सिटी की अगुवाई में यह कार्रवाई हुई है. गैंगस्टर की आरोपित पंडिताइन, उसकी बेटी और दामाद के नाम से शाहपुर और गुलरिहा क्षेत्र में भूमि व मकान था.
पुलिस का दावा है कि प्रदेश में नशे के सौदागर के खिलाफ अब तक की यह सबसे बड़ी कार्रवाई है. 35 साल से गोरखपुर शहर में नशे का कारोबार करने वाली पंडिताइन के खिलाफ गोरखपुर जिले के राजघाट थाने में पहला मुकदमा साल 2002 में दर्ज हुआ था. स्मैक बेचने की सूचना पर राजघाट पुलिस चकरा अव्वल स्थित उसके मकान पर तलाशी लेने पहुंची थी, तभी से पुलिस की नजर पंडिताइन पर थी. पंडिताइन के खिलाफ राजघाट और कोतवाली थाने में एनडीपीएस एक्ट के कई मुकदमे दर्ज हैं.
पुलिस की मानें तो शहर के युवाओं को पंडिताइन ने ही नशे का आदी बना दिया था. गोरखपुर के राजघाट थाने की हिस्ट्री नंबर 86 ए पर किशन कुमारी उर्फ पंडिताइन का नाम दर्ज है. राजघाट थाना क्षेत्र के चकरा अव्वल निवासी किशन कुमारी अब शाहपुर थाना क्षेत्र में रहती है. इसके पति हरीनाथ पांडे की मौत के बाद से ही उसने गोरखपुर में स्मैक का धंधा शुरू कर दिया था. नशे के इस कारोबार में उसकी बेटी मधु के अलावा अन्य बेटियां और दामाद भी शामिल है.
साल 2015 में पंडिताइन को 26 लाख के स्मैक के साथ पुलिस ने गिरफ्तार किया था. पूछताछ में यह बात सामने आई थी कि एक दीवान के सह पर उसका पूरा धंधा चलता है. पुलिस से सांठगांठ कर उसने हिस्ट्री शीट बंद भी करा ली थी, लेकिन 21 अगस्त 2022 को उसकी हिस्ट्री शीट पुलिस ने दोबारा खोल दी. 2017 में शाहपुर थाने में दर्ज हुए गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे में गोरखपुर जिलाधिकारी ने संपत्ति को कुर्क करने का आदेश दिया था.
इसके बाद पुलिस की मौजूदगी में तहसीलदार सदर विकास सिंह ने शाहपुर थाना क्षेत्र के असुरन में तीन मंजिला दुकान, कॉलोनी का मकान और गुलरिहा के हरी सेवक पुरी स्थित उसके दामाद के मकान कुर्क करते हुए ताला लगा दिया.
रिपोर्ट- कुमार प्रदीप, गोरखपुर