69000 शिक्षक भर्ती: नियुक्‍त‍ि पत्र की मांग पर अड़े अभ्‍यर्थी बोले- नौकरी नहीं है तो इच्‍छामृत्‍यु दे दो

अभ्यर्थियों ने मीड‍िया से कहा कि सरकार उनकी मांग को अनसुना कर रही है. 5 जनवरी को चयनित सूची में शामिल किए जाने के बावजूद अभी तक नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया है. अभ्यर्थी बीते 67 दिनों से लखनऊ में धरना दे रहे थे. इनका आरोप है कि सरकार उनके साथ धोखा कर रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 30, 2022 3:25 PM

Lucknow News: उत्तर प्रदेश में 69000 सहायक शिक्षक भर्ती के 6800 चयनित अभ्यर्थी नियुक्ति की मांग को लेकर सोमवार को लखनऊ की सड़कों पर प्रदर्शन करने लगे. विधानभवन का घेराव करने निकले इन अभ्यर्थियों को परिवर्तन चौक पर ही रोक लिया गया. इसके बाद काफी देर तक वहां नारेबाजी और गि‍रफ्तारी का दौर चला. पुल‍िस को बलप्रयोग तक करना पड़ा. इससे शहर की ट्रैफ‍िक व्‍यवस्‍था भी ध्‍वस्‍त हो गई.

‘सब्र का बांध अब टूट गया’

अभ्यर्थियों ने मीड‍िया से कहा कि सरकार उनकी मांग को अनसुना कर रही है. 5 जनवरी को चयनित सूची में शामिल किए जाने के बावजूद अभी तक नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया है. अभ्यर्थी बीते 67 दिनों से लखनऊ में धरना दे रहे थे. इनका आरोप है कि सरकार उनके साथ धोखा कर रही है. भर्ती प्रक्रिया पर कोर्ट की तरफ से किसी तरह की कोई रोक नहीं लगाई गई है. उनका कहना है कि‍ यूं तो कई तरह के सकारात्‍मक वादे किए जा रहे हैं. मगर कई दिनों से हम सिर्फ मांग पूरी होने की आस लगाए हुए हैं. अभ्यर्थियों का कहना है कि उनके सब्र का बांध अब टूट गया है. वे अब इस मामले में संपूर्ण न्‍याय चाहते हैं. उन्‍होंने कहा कि या तो उन्‍हें इच्‍छामृत्‍यु दे दी जाए अन्‍यथा उन्‍हें न‍ियुक्‍ति‍ पत्र सौंप दिया जाए.

क्‍या है मामला?

उत्तर प्रदेश सरकार ने 2018-19 में सरकारी प्राइमरी स्कूलों में 69000 सहायक शिक्षक भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला था. इस भर्ती प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया लेकिन आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की तरफ से आपत्ति दर्ज कराई गई. अभ्यर्थियों का आरोप है कि आरक्षण लागू करने में धांधली की गई है. इस भर्ती के लिए अनारक्षित की कटऑफ 67.11 फीसदी और ओबीसी की कटऑफ 66.73 फीसदी थी. इसको लेकर चयनित अभ्यर्थी धरने पर बैठे हैं.

मामला कोर्ट पहुंच गया

अभ्यर्थियों ने कहा कि इस नियमावली में साफ है कि कोई ओबीसी वर्ग का अभ्यर्थी अगर अनारक्षित श्रेणी के कटऑफ से अधिक नंबर पाता है तो उसे ओबीसी कोटे से नहीं बल्कि अनारक्षित श्रेणी में नौकरी मिलेगी. यानी वह आरक्षण के दायरे में नहीं गिना जाएगा. सरकार ने आरक्षण लागू करने में गड़बड़ी को माना और आचार संहिता लागू होने से पहले 6800 आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की नियुक्ति करने का आदेश जारी कर दिया. राज्य सरकार ने बीती 5 जनवरी को 6800 अभ्यर्थियों की एक अतिरिक्त सूची जारी की थी. इसे लेकर मामला फिर कोर्ट पहुंच गया है.

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