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CM योगी आद‍ित्‍यनाथ के आवारा कुत्तों के लिए दिए आदेश का वाराणसी में हुआ विरोध, पशुप्रेमियों ने दिए तर्क

पशुप्रेमी स्वाति बलानी, मल्लिका बनर्जी, रितु सूद और आभा सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सुर में कहा कि आवारा कुत्तों के लिए स्वांग केंद्र बनाना पूरी तरह से गलत है. इसके पहले भी इस तरह की पहल गुजरात के सूरत,राजस्थान के जोधपुर में हो चुकी है लेकिन ये व्यवस्था पूरी तरह फेल रही है.

Varanasi News: आवारा गोवंश के लिए गौशाला की तर्ज पर अब यूपी में आवारा कुत्तों के लिए केंद्र बनाने की बात हाल ही में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कही है. सीएम योगी के इस बयान के बाद अब पशुप्रेमियों ने इसके खिलाफ आवाज उठाना शुरू कर दिया है. वाराणसी में आवारा पशुओं पर काम करने वाले पशुप्रेमियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसको लेकर आवाज उठाई है.

गोवंश संभल नहीं रहे कुत्‍ते कैसे संभालेंगे?

पशुप्रेमी स्वाति बलानी, मल्लिका बनर्जी, रितु सूद और आभा सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सुर में कहा कि आवारा कुत्तों के लिए स्वांग केंद्र बनाना पूरी तरह से गलत है. इसके पहले भी इस तरह की पहल गुजरात के सूरत,राजस्थान के जोधपुर में हो चुकी है लेकिन ये व्यवस्था पूरी तरह फेल रही है. मल्लिका बनर्जी ने बताया कि वाराणसी के गौशाला केंद्रों में अभी गोवंश को ठीक तरीके से देखभाल भी नहीं हो पा रही है. ऐसे में कुत्तों के लिए अलग केंद्र बनाकर सरकार उनकी देखरेख कैसे कर पाएगी? गायों की तरह ज्यादा संख्या में कुत्ते एक साथ भी नहीं रह सकते. ऐसे में हमारी मांग है कि सरकार को इन आवारा कुत्तों के टीकाकरण के बाद सड़कों पर ही छोड़ देना चाहिए.

सीएम योगी आद‍ित्‍यनाथ से करेंगे मुलाकात

आभा सिंह ने बताया कि हम इस दिशा में अकेले प्रयास तो कर ही रहे हैं. मगर अब हम नगर निगम के साथ मिलकर इस दिशा में बेहतर तरीके से काम करना चाहते हैं. हम चाहते हैं कि साल के 365 दिन कुत्तों के बंध्याकरण का प्रॉसेस चलता रहे. इससे कुत्तों की संख्या सीमित हो जाएगी. आये दिन सड़कों पर कुत्तों के छोटे-छोटे बच्चे जो वाहनों के नीचे आकर मरते हैं. ये सब घटनाएं न हों. इन्हें सड़कों से नहीं हटाया जाना चाहिए. इसके बारे में बात करने के लिए हम अपनी टीम के साथ लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने जाएंगे.

‘कुत्ते काशी के कोतवाल काल भैरव की सवारी हैं’

स्वाति बलानी बताती हैं कि योगी सरकार की ओर से सड़कों से आवारा कुत्तों को हटाए जाने को लेकर किये गया फैसला गलत है. हम लोग पशुप्रेमी हैं. इस तरह से सड़कों से कुत्तों को हटाना उचित नहीं है. लोग शिकायत करते हैं कि आवारा कुत्ते उन्हें काटते हैं. गाड़ियों को दौड़ाते हैं. कुछ जगह पर तो ये शिकायत निराधार है. कुत्तों के साथ इंसानों का पुराना संबंध है. खासकर, काशी में कुत्तों को यहां के कोतवाल काल भैरव की सवारी है. ऐसे में सड़कों से कुत्तों को हटाना पूरी तरह से गलत है.

‘ये अपनी तकलीफ किसी को भी नहीं बोल पाते’

ऋतु सूद ने बताया, ‘मेरा इस मामले को देखने का नजरिया दूसरा है. मैं यही कहना चाहूंगी कि ये धार्मिक प्रवित्ति से देखी जानी वाली भी बात है. यदि हम सड़कों से कुत्तों को हटा देंगे तो जिन लोगों को ग्रह समस्या होती है, वे सड़कों पर कुत्तों को खाना खिलाने के लिए खोजते हैं. जब लोगों को अपनी समस्या दूर करनी होती है तो इन बेजुबान जानवरों को खोजते हैं. मगर ये अपनी तकलीफ किसी को भी नहीं बोल पाते हैं.’

रिपोर्ट : विप‍िन स‍िंह

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