Lucknow News: प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव को लेकर एक खबर चर्चा का विषय बनी हुई है. कहा जा रहा है कि वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ हाथ मिला सकते हैं.
कुछ मीडिया घरानों में एक खबर जंगल की आग की तरह फैली. कहा गया कि शिवपाल यादव भाजपा के साथ जाने की तैयारी कर रहे हैं. इसके पीछे कारण बताया गया कि उनकी पार्टी को उनके भतीजे और समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जो 6 सीट दी हैं, उससे वे असंतुष्ट हैं. इसके साथ ही खबर में यह भी चर्चा कर दी गई कि यूपी में पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रहे लक्ष्मीकांत बाजपेयी के साथ उनकी बातचीत चल रही है. इस बातचीत को ‘टच’ शब्द से संबोधित किया जा रहा था. कहा जा रहा था कि वे भाजपा के ‘टच’ में हैं. यूं भी टिकट की घोषणा होने के बाद भी वे अपनी सीट का घोषणा नहीं कर रहे हैं.
यह खबर इतनी तेजी से वायरल हुई कि प्रसपा सुप्रीमो शिवपाल यादव ने इस पर अपनी सफाई दे दी. उन्होंने कह दिया कि वे भाजपा के साथ नहीं जाने वाले हैं. उन्होंने इस खबर को प्रमुखता से पढ़ा रहे लोगों को खंडन भी जारी कर दिया है. उन्होंने अपनी बात में यह स्पष्ट तरीके से उल्लेख किया है कि वे किसी भी सूरत में सपा को छोड़कर भाजपा में नहीं जा सकते हैं. उन्होंने बताया है कि साल 2022 में उनकी पूरी कोशिश है कि वे अखिलेश यादव को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाएं. उन्होंने इस दौरान अपने बड़े भाई और पार्टी के संरक्षक एवं यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव के प्रति अपनी आस्था जताई है.
उन्होंने इस तरह की दलबदलने वाली कयास आधारित खबरों का पूरी तरह से खंडन कर दिया है. बता दें कि सपा को बुधवार को एक बड़ा झटका लगा है. मुलायम सिंह यादव की बहूरानी अपर्णा यादव ने भाजपा की सदस्यता ले ली है. ऐसे में शिवपाल की ओर से आया यह बयान सपा और प्रसपा कार्यकर्ताओं के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं बताई जा रही है. वे पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि इस बार के चुनावी समर में वे सपा के साइकिल निशान से ही चुनाव लड़ेंगे.